आगराः पूरे देश भर में फैले है बड़ी तादाद में धर्मांतरण गिरोह!
ISIS, अमेरिका सहित कई देशों में फैला नेटवर्क, छह राज्यों से 10 आरोपी गिरफ्तार

लखनऊ/ आगरा : सदर क्षेत्र की रहने वाली दो सगी नाबालिग बहनों के अपहरण और धर्मांतरण के मामले में आगरा पुलिस ने शनिवार को बड़ा खुलासा करते हुए छह राज्यों से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया। धर्मांतरण गिरोह से जुड़े सभी आरोपी नाबालिग लड़कियों को साजिश का शिकार बनाते थे। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से 10 दिन की रिमांड मिल गई। यह गिरोह छांगुर बाबा गिरोह से अलग है।
24 मार्च 2021 को सदर क्षेत्र निवासी दो सगी बहनें घर से गायब हो गई थीं। इस मामले में आगरा पुलिस को कई सुराग मिले। जिसके बाद डीजीपी राजीव कृष्ण ने मामले का संज्ञान लिया। पुलिस आयुक्त दीपक कुमार और एटीएस ने मिलकर कोलकाता से शुक्रवार को दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। इसके बाद शनिवार को पुलिस ने एक युवती सहित आठ अन्य आरोपियों को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। धर्मांतरण कराने वाले इस गिरोह के तार अमेरिका, कनाडा सहित कई देशों तक फैले हुए हैं। इस गिरोह के तार आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े होने के साक्ष्य भी पुलिस को मिले हैं।
लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि देश के अलग-अलग राज्यों में कम उम्र की लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर, लव जिहाद एवं अन्य तरीकों से प्रभावित कर धर्मांतरण का काम किया जा रहा था। गिरोह के काम करने का तरीका आतंकी संगठन आईएसआईएस के सिग्नेचर स्टाइल में था। गिरफ्तार आरोपियों में शामिल एक पीड़िता की तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें वह धर्मांतरण और कट्टरपंथ के बाद एके-47 के साथ नजर आ रही है। इससे आईएसआईएस से जुड़े होने के संकेत मिल रहे हैं।
यूपी समेत छह राज्यों से पकड़े गए आरोपी :- आयशा उर्फ एसबी कृष्णा – गोवा, अली हसन उर्फ शेखर राय – कोलकाता (पश्चिम बंगाल), ओसामा – कोलकाता, रहमान कुरैशी – आगरा, अब्बू तालिब – खालापार, मुजफ्फरनगर (यूपी), अबुर रहमान – देहरादून (उत्तराखंड), मोहम्मद अली – जयपुर (राजस्थान), जुनैद कुरैशी – जयपुर, मुस्तफा उर्फ मनोज – दिल्ली, मोहम्मद अली – जयपुर .
धर्मांतरण के आरोप में अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तारी के बाद पुलिस आरोपियों को आगरा लेकर आई थी। उन्हें शनिवार शाम 4:35 बजे दीवानी में सीजेएम की कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। दीवानी परिसर को पूरी तरह से खाली करा लिया गया था। कई थानों की पुलिस ने घेरा बनाकर आरोपियों की पेशी कराई। पेशी के बाद पुलिस को आरोपियों की 10 दिन की रिमांड मिल गई।