चारधाम के साथ करें चेनाप वैली की सैर

जहां फूल बदलते हैं रंग! ऐसे पहुंचे इस अनछुई घाटी तक

देहरादून : उत्तराखंड की वादियों में छिपी चेनाप वैली एक ऐसी जादुई जगह है, जहां एक बार पहुंच गए तो वापस आने का मन नहीं करेगा. 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बसी यह घाटी रंग-बिरंगे दुर्लभ फूलों की खूशबू से ऐसी महकती है कि हर कदम पर दिल बहक जाता है.

एक बार उत्तराखंड की वादियों में कदम रखिए. यहां हर मोड़ पर प्रकृति मुस्कुराती है, हर घाटी में नज़ारों की कविता बसी है और हर फूल में जीवन की एक नई कहानी. इन हिमालयी परतों में कुछ जगहें ऐसी भी हैं, जिनकी खूबसूरती आज भी दुनिया की नज़रों से ओझल है. ऐसी ही एक घाटी है ‘चेनाप’. फूलों की घाटी का नाम तो आपने सुना होगा, लेकिन क्या आपने उसकी जैसी ही रंग-बिरंगी घाटी के बारे में सुना है, जो हर 15 दिन में अपना रंग बदल लेती है.

चेनाप घाटी (Chenap Valley) उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है. समुद्रतल से 13,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. चेनाप घाटी की खास बात यह है कि यहां से नंदा देवी, नंदा कोट और द्रोणागिरि जैसी प्रमुख हिमालयी चोटियों का अद्भुत नज़ारा देखने को मिलता है. जहां कदम-कदम पर फूल बिछे हैं. चमोली जिले के एकांत में छुपी यह घाटी, जोशीमठ से महज 28 किमी की दूरी पर स्थित है, लेकिन इसकी पहचान अभी सीमित पर्यटकों तक ही है.

चेनाप घाटी की सबसे बड़ी खूबी इसकी प्राकृतिक बनावट है. मखमली बुग्यालों और लंबी क्यारियों में सजे हुए फूलों का दृश्य बिल्कुल विश्व धरोहर ‘फूलों की घाटी’ जैसा प्रतीत होता है. बरसात के मौसम में यहां लगभग 300 से अधिक प्रजातियों के दुर्लभ हिमालयी फूल खिलते हैं. यही नहीं, इस घाटी की सबसे आकर्षक बात यह है कि यहां फूलों का रंग बदलता है, जिससे घाटी हर बार एक नया रूप ले लेती है.

यहां आपको ब्रह्मकमल, फेनकमल, स्नेक लिली, कोबरा लिली, ब्लू पॉपी, तारक लिलियम, हिमालयी नीला पोस्त, एनीमोन, मार्श, प्रिभुला, जेनेरियम, पोटेंटीला जैसे दुर्लभ फूल देखने को मिलेंगे. इसके अलावा इस क्षेत्र में दुर्लभ वन्य जीव और औषधीय जड़ी-बूटियां भी पाई जाती हैं.

जो लोग भीड़भाड़ से दूर प्राकृतिक सुकून की तलाश में हैं, उनके लिए यह घाटी एक आदर्श स्थान है. ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए यह घाटी एक शानदार डेस्टिनेशन है. घने जंगल, बुग्याल, ढलानें और हिमालय की चोटियों का नज़ारा इस ट्रेक को जीवनभर के लिए यादगार बना देता है.

निकटतम हवाई अड्डा जौली ग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून है, जो जोशीमठ से करीब 285 किमी और ऋषिकेश से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित है. सड़क मार्ग से आप ऋषिकेश से जोशीमठ (लगभग 265-270 किमी) तक पहुंच सकते हैं. वहां से मारवाड़ी पुल होते हुए थैंग गांव तक गाड़ी से पहुंचा जा सकता है, जो चेनाप घाटी का प्रवेश द्वार है. इस गांव से आगे का सफर पैदल ट्रेक के रूप में तय करना होता है. लगभग 16 किमी की यह पैदल यात्रा 3 से 4 दिन में पूरी की जाती है.

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