वर्षों से मंदिर में पूजा-पाठ कराता रहा कासिम

पुजारी के रूप में रहा कासिम भेजा गया जेल, पिता बिहार में मौलवी

मेरठ : उत्तर प्रदेश में इन दिनों मतातंरण गैंग की धरपकड़ के बीच में मेरठ में अनोखा मामला सामने आया है। यहां पर बिहार का कासिम एक मंदिर में कृष्ण के नाम से पूजा करा रहा था। धर्म और नाम बदलकर वह मतांतरण गिरोह से बड़ी ठगी कर रहा था। कृष्ण बन कर सबकी आस्था के साथ खिलवाड़ करने वाला साधु वेशधारी कासिम ने हिंदू धर्म को ठेस पहुंचाने का काम किया है। कासिम की उम्र 35 वर्ष है और वह बिहार के सीतामढ़ी जिले का रहने वाला है।

धर्म छिपाकर दादरी के शिव मंदिर में कासिम दस वर्ष से पुजारी कृष्णा बनकर रह रहा था। यू-ट्यूब से ‍उसने दुर्गा और हनुमान चालीसा से लेकर मंत्री सीख लिए। महिलाओं और बच्चों के हाथों की रेखा देखकर उपाय भी बताता था। कांवड़ यात्रा के दौरान सभी की पहचान उजागर करने के मामले से कासिम डर गया था।

कांवड़ लेने का बहाना बनाकर 15 दिन पहले मंदिर से चला गया। वहां से जाकर खतौली के काली माता मंदिर में रहने लगा। कांवड़ यात्रा खत्म होने के बाद वापस लौटा। दानपात्र में रकम कम मिलने पर ग्रामीणों को शक हुआ। उसके बाद उसके बाद ही कासिम से आधार कार्ड मांगा गया। वह आधार कार्ड नहीं दे पाया। तब पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस पूछताछ में उसने पूरे घटनाक्रम का पर्दाफाश कर दिया। उसके बाद आरोपित कासिम के खिलाफ चोरी और धर्म छिपाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया।

बिहार के सीतामढ़ी के अब्बास वहां मस्जिद में मौलवी हैं। उनके पांच बेटे हैं। 36 वर्षीय सबसे छोटा बेटा कासिम परिवारिक कलह के कारण 15 वर्ष पहले घर छोड़कर ट्रेन से दिल्ली आ गया था। दिल्ली में आकर रहने लगा। तब उसने परिवार को सूचना दी कि शादी कर चुका है। फिर कभी परिवार के संपर्क में नहीं आया। परिवार के लोग समझ रहे थे कि कासिम की मौत हो चुकी है।

पांच वर्ष दिल्ली में रहकर कासिम दस वर्ष पहले दौराला थाने के दादरी स्थित शिव मंदिर में पहुंचा। वहां पर साफ सफाई और पूजा पाठ करने लगा। मंदिर की साफ सफाई देखकर ग्रामीण उससे प्रभावित हो गए। उसके बाद वहीं पर पुजारी बनकर रहने लगा। कभी भी किसी

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