उत्तराखण्ड आयोग ने छपवाए दो करोड़ से अधिक बैलेट पेपर

144 चुनाव चिह्न हैं निर्धारित, पड़ोसी राज्य से मतपेटियां मंगाई गई

देहरादून : आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने दो करोड़ से अधिक बैलेट पेपर छपवाए हैं। आयोग का कहना है कि पार्टी या प्रत्याशी के नाम के बजाय चुनाव चिह्न के आधार पर बैलेट पेपर छपते हैं।

पंचायत चुनाव से कई माह पहले से ही आयोग इसकी तैयारियों में जुट गया था। पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश से मतपेटियां मंगाई गई थीं। करीब 50 लाख मतदाताओं के हिसाब से दो करोड़ से अधिक बैलेट पेपर की जरूरत होती है। लिहाजा, आयोग ने करीब ढाई करोड़ बैलेट पेपर छपवाए हैं। पहली बार आयोग ने सरकार की हैदराबाद स्थित सरकारी प्रिंटिंग प्रेस से भी करीब दो लाख बैलेट पेपर छपवाए हैं। वहीं, यूपी की दो सरकारी प्रेस रामनगर व लखनऊ के साथ ही आरबीआई अधिकृत निजी प्रेस से भी बैलेट पेपर छपे हैं।

आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल का कहना है कि चुनाव किसी पार्टी या प्रत्याशी के बजाय चुनाव चिह्न आधारित होते हैं। इसलिए बैलेट पेपर पहले ही छप जाते हैं। इनकी अलग-अलग ग्रुप में छपाई होती है। जैसे-छह चुनाव चिह्न का बैलेट, नौ का बैलेट, 12 का बैलेट। इसके बाद जहां जितने प्रत्याशी होते हैं, उसी हिसाब से बैलेट को मोडिफाई करके चुनाव में उपलब्ध कराया जाता है। अगर कहीं पांच प्रत्याशी होंगे तो छह वाले बैलेट में से एक चुनाव चिह्न फाड़कर अलग कर दिया जाएगा।

144 चुनाव चिह्न हैं निर्धारित
पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने 144 चुनाव चिह्न निर्धारित किए हुए हैं। इनमें प्रधान के लिए 40, जिला पंचायत सदस्य के लिए 40, क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए 36 और ग्राम पंचायत सदस्य के लिए 18 चुनाव चिह्न शामिल हैं। सभी के लिए अलग-अलग चुनाव चिह्न तय किए गए हैं। जैसे- प्रधान के लिए फावड़ा, बाल्टी, ड्रम, टोकरी, अनानास, कैमरा आदि। क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए नारियल, महिला पर्स, लौकी, पानी का जहाज, गुडिया, टेबल लैंप, टॉर्च आदि। जिला पंचायत सदस्य के लिए सीढ़ी, हथौड़ा, सैनिक, पेड़, सीटी, थर्मस आदि। वार्ड सदस्य के लिए तरबूज, सेब, घड़ा, शंख, चम्मल, डमरू, आम आदि।

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