कैसे मोदी सरकार ने 10 साल में किया टैक्स सुधार

केंद्रीय बजट 2025 में मध्यम वर्ग के वेतनभोगियों को बड़ी कर राहत देने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा की गई कर राहत ने पिछली कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के तहत 2014 में कर ढांचे की तुलना में लोगों के हाथों में अधिक पैसा दिया है.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में आम बजट 2025-26 पेश किया. इस बजट में आम लोगों को बड़ी राहत दी गई है. सालाना 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री कर दिया गया है. बजट में मध्यम वर्ग के वेतनभोगियों को बड़ी कर राहत देने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा की गई कर राहत ने पिछली कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के तहत 2014 में कर ढांचे की तुलना में लोगों के हाथों में अधिक पैसा दिया है. सीतारमण ने कहा कि करदाताओं के हाथों में अधिक पैसा वापस लाने के उद्देश्य से किए गए सुधारों से विभिन्न आय वर्गों में पर्याप्त बचत हुई है.

ओल्ड टैक्स रिजीम के मुकाबले 2.6 लाख रुपये की बचत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘यदि आप आज जो हमने किया है उसकी तुलना 2014 में कांग्रेस सरकार के तहत किए गए कार्यों से करें तो पाएंगे कि दरों में बदलाव से 24 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को भी लाभ मिला है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘अब लोगों के पास पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime) के मुकाबले 2.6 लाख रुपये अधिक हैं. केवल 12 लाख रुपये तक की आय वाले लोग ही लाभान्वित नहीं हैं, क्योंकि उन्हें छूट के कारण कोई कर नहीं देना पड़ेगा.’ सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि लाभ सिर्फ 12 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए ही नहीं है. 24 लाख रुपये प्रति वर्ष कमाने वालों की कर देनदारी में भी कमी आएगी, जिससे एक अधिक प्रगतिशील और करदाता-अनुकूल प्रणाली सुनिश्चित होगी.

12 लाख रुपये कमाने वालों को नहीं देना होगा टैक्स

वित्त सचिव तुहिन कांता पांडे ने कहा, ‘पहले यह (छूट) 2.2 लाख रुपये थी और 2014 में यह 2.5 लाख रुपये हो गई. 2019 में यह 5 लाख रुपये हो गई. बाद में छूट की सीमा को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया और अब इसे बढ़ाकर 12 लाख रुपये किया जा रहा है. सरकार को लगता है कि औसतन 1 लाख रुपये प्रति माह (आय) पर आपको कर का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है.’

2014 की तुलना में 2025 में टैक्स पर बचत

टैक्स पर हुए बदलाव पर बोलते हुए अधिकारियों ने जोर दिया कि मध्यम वर्ग और उच्च आय वाले लोग समान रूप से कम कर दरों और बढ़ी हुई छूट से लाभान्वित हो रहे हैं. इसको लेकर सरकार ने तुलनात्मक विवरण दिया, जिसमें बताया गया है कि 2014 की तुलना में 2025 के बजट के बाद कितनी कमाई करने वालों के पास कितना पैसा बचेगा?

सालाना 8 लाख रुपये कमाने वालों के लिए:

2014 में टैक्स: 1 लाख रुपये
2025 में प्रस्ताव: 0 रुपये टैक्स
बचत: हाथ में 1 लाख रुपये ज्यादा

सालाना 12 लाख रुपये कमाने वालों के लिए:

2014 में टैक्स: 2 लाख रुपये
2025 में प्रस्ताव: 0 रुपये टैक्स
बचत: 2 लाख रुपये हाथ में ज्यादा

सालाना 24 लाख रुपये कमाने वालों के लिए:

2014 में टैक्स: 5.6 लाख रुपये
2025 का प्रस्ताव: 3 लाख रुपये
बचत: हाथ में 2.6 लाख रुपये ज्यादा

2024 के मुकाबले 2025 में कितना बचेगा टैक्स?

इसके अलावा, वित्त मंत्रालय ने नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) के तहत 2024 कर दरों और 2025 के नए प्रस्तावित टैक्स स्लैब के साथ तुलना प्रदान की है. इसके तहत 8 लाख रुपये की आय वालों को नए स्लैब के तहत 30,000 रुपये की बचत होगी. इसके अलावा 12 लाख रुपये की आय वालों को 80,000 रुपये और 24 लाख रुपये की आय वालों को 1.10 लाख रुपये टैक्स की बचत होगी.

वित्त सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि टैक्स में कटौती उन लोगों के हाथों में वापस जाने वाली एक बड़ी राशि है, जो इसके हकदार हैं. उन्होंने यह भी कहा कि न केवल छूट शुरू की गई है, बल्कि समग्र कर दरों को कम किया गया है, जिससे करदाताओं के व्यापक वर्ग को लाभ हुआ है. इन परिवर्तनों के साथ, सरकार ने कर के बोझ को कम करने, आय को बढ़ाने और आर्थिक विकास का समर्थन करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है. ताकि, करदाता अपनी कमाई का अधिक हिस्सा अपने पास बनाए रखें.

 

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