लखनऊ मेट्रो के दूसरे चरण के निर्माण को मिली नई रफ्तार

पुराने लखनऊ के निवासियों को मिलेगा मेट्रो सेवा का लाभ

लखनऊः उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने मंगलवार को लखनऊ मेट्रो के फेज-1बी पूर्वी-पश्चिमी गलियारे के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके तहत चारबाग से वसंतकुंज तक मेट्रो परिचालित की जाएगी।प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गये इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिपरिषद ने लखनऊ मेट्रो के फेज-1बी पूर्वी-पश्चिमी गलियारे के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दिखा दी है जिसके तहत चारबाग से वसंतकुंज तक कुल 11.865 किमी मेट्रो मार्ग पर ट्रेन चलायी जाएगी।

लखनऊ मेट्रो के दूसरे चरण में चारबाग से वसंतकुंज तक का मार्ग शामिल है, जिसकी कुल लंबाई 11.165 किलोमीटर होगी। इसमें 7 भूमिगत (अंडरग्राउंड) और 5 एलिवेटेड स्टेशन शामिल हैं। भूमिगत स्टेशनों में चारबाग, गौतम बुद्ध मार्ग, अमीनाबाद, पांडे गंज, सिटी रेलवे स्टेशन, मेडिकल चौराहा और चौक शामिल हैं। एलिवेटेड स्टेशनों में ठाकुरगंज, बाला गंज, सरफराजगंज, मूसा बाग और वसंत कुंज शामिल हैं। ​

परियोजना की तैयारियों के तहत मिट्टी की जांच, टोपोग्राफी सर्वेक्षण और यूटिलिटी डायवर्जन जैसे कार्य पहले ही शुरू हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) ने कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं के विशेषज्ञों की मदद से इन प्रारंभिक कार्यों को तेजी से पूरा करने का लक्ष्य रखा है। ग्राउंड वर्क के लिए लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया गया है। ​

परियोजना की समय सीमा और लक्ष्य
UPMRC ने इस परियोजना को चार वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। हालांकि, सामान्यतः ऐसी परियोजनाओं में छह साल का समय लगता है, लेकिन प्रारंभिक कार्यों को पहले से ही शुरू करके निर्माण कार्य की गति बढ़ाने की योजना है। इससे लखनऊ के निवासियों को शीघ्र ही मेट्रो सेवा का विस्तारित लाभ मिल सकेगा। ​

लखनऊ मेट्रो के दूसरे चरण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) को सरकार द्वारा मंजूरी मिल चुकी है। अब इस रिपोर्ट का गहन अध्ययन किया जा रहा है। आगामी बजट में इस परियोजना के लिए धनराशि आवंटित की जाएगी, जिससे निर्माण कार्य की गति और तेज होगी। ​

लखनऊ मेट्रो के दूसरे चरण के पूरा होने से शहर की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार होगा। यह परियोजना शहर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ते हुए यातायात की भीड़ को कम करेगी और यात्रियों को सुरक्षित, तेज़ और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी। विशेष रूप से, पुराने लखनऊ के निवासियों को मेट्रो सेवा का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी यात्रा और भी सुगम होगी। ​

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