चुटकी में बदल जाएगी इंसानों की DNA

क्या है जीन एडिटिंग तकनीक? ये खतरनाक है या फायदेमंद?

विज्ञान : तकनीक काफी तेजी से विकास कर रहा है. अब वैज्ञानिक ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं जिससे DNA में भी बदलाव किया जा सके. CRISPR-Cas9 नामक तकनीक की मदद से अब पौधों, जानवरों और यहां तक कि इंसानों के जीन में भी बदलाव कर सकते हैं. इस तकनीक के जरिए गंभीर बीमारियों का इलाज, खाने की एलर्जी को खत्म करना और खाद्य उत्पादन को बढ़ाना संभव हो सकता है.

क्या है CRISPR-Cas9 तकनीक
जानकारी के मुताबिक, एक वैज्ञानिक Duchenne Muscular Dystrophy नामक बीमारी पर काम कर रहे हैं. यह एक गंभीर रोग है जो मांसपेशियों को कमजोर करता है और व्यक्ति की उम्र को कम कर देता है. वैज्ञानिक चूहों और कुत्तों पर CRISPR के प्रयोग कर रहे हैं और अभी तक के नतीजे काफी ठीक साबित हो रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में यह तकनीक इंसानों में भी इस बीमारी के इलाज का मार्ग खोल सकती है.

लेकिन जीन एडिटिंग की यह क्षमता जहां एक ओर चमत्कारी लगती है, वहीं दूसरी ओर इसके कई जोखिम भी शामिल हैं. CRISPR के ज़रिए हम ऐसे जीन में बदलाव कर सकते हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ते हैं. यानी एक बार बदलाव कर देने पर वह स्थायी हो जाता है और आने वाली संतानों को भी प्रभावित करता है.

खतरनाक या फायदेमंद
बता दें कि यद तकनीक सही तरीके से इस्तेमाल की जाए तो काफी फायदेमंद साबित होगी. लेकिन अगर इसका गलत इस्तेमाल किया जाए जैसा ऊपर बताया तो यह इंसानी जीन के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. इसी वजह से कई देशों, खासकर यूरोप के अधिकांश हिस्सों में germline editing (ऐसे जीन को बदलना जो पीढ़ियों में ट्रांसफर होते हैं) पर रोक लगाई गई है, क्योंकि इसके परिणामों को लेकर अभी भी वैज्ञानिकों के बीच स्पष्टता नहीं है.

हालांकि, चीन और अमेरिका जैसे देशों में यह तकनीक अब भी कानूनी रूप से लागू की जा रही है और इस पर लगातार रिसर्च हो रहे हैं. जीन एडिटिंग मानव इतिहास की सबसे बड़ी वैज्ञानिक सफलताओं में से एक है. इससे बीमारियों पर जीत मिल सकती है लेकिन साथ ही यह मानव जाति के भविष्य को भी प्रभावित कर सकती है.

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