उत्तराखंड में विदेशी महिला के शारीरिक शोषण के आरोपी को एक साल की सजा

टिहरी : विदेशी महिला के साथ शारीरिक शोषण टिप्पणी मामले में न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट नरेंद्रनगर की अदालत ने दोषी युवक को एक साल का साधारण कारावास की सजा सुनाई है. युवक ने तपोवन के एक होटल में यह हरकत की थी. इस घटना के बाद वो काफी डर गई थी. ऐसे में एफआईआर दर्ज करवा कर महिला अपने देश वापस चली गई. वहीं, काफी समझाने के बाद वो भारत आई और युवक को सलाखों के पीछे तक पहुंचाया.

साल 2020 का है मामला: जानकारी के मुताबिक, बीती 15 मई 2021 को अर्जेंटीना की एक महिला ने मुनिकी रेती थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसमें विदेशी महिला ने आरोप लगाया था कि 24 नवंबर 2020 को निखिल अरोड़ा ने तपोवन में स्थित एक होटल के कमरे में शारीरिक शोषण के संबंध में बात की थी. इस मामले में अभियोजन की ओर से वाद को साबित करने के लिए 8 गवाहों परीक्षित कराए गए.

4 जुलाई 2025 को युवक को ठहराया दोषी :-   वहीं, शुक्रवार यानी 4 जुलाई 2025 को न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट नरेंद्रनगर के पीठासीन अधिकारी श्रेय गुप्ता ने अभियोजन पक्ष और अभियुक्त पक्ष के अधिवक्ता की बहस को सुनी. बहस सुनने के बाद वाद में आरोपी निखिल अरोड़ा को दोषी माना और उसे 1 साल के साधारण कारावास से दंडित किया.

एफआईआर दर्ज कराने के बाद अपने देश चली गई थी महिला: यह घटना होटल के कमरे में हुई थी. ऐसे में घटना के समय मात्र आरोपी युवक और पीड़िता ही मौजूद थे. जिस कारण से पीड़िता की गवाही वाद को साबित करने के लिए काफी अहम थी. जबकि, प्रथम सूचना रिपोर्ट यानी एफआईआर दर्ज कराने के बाद पीड़िता अपने देश वापस चली गई थी.

घटना से डर गई थी महिला, भारत आने से किया मना: पीड़िता इस घटना से इतनी घबरा गई थी कि वो दोबारा भारत ही नहीं आना चाहती थी, लेकिन राज्य की ओर से पैरवी कर रहे सहायक अभियोजन अधिकारी अनुराग वरूण ने पीड़िता से फोन के जरिए संपर्क किया. फोन पर उसे भारत की न्याय प्रणाली पर भरोसा दिलाकर उसे गवाही के लिए राजी किया.

जिस पर पीड़िता भरोसा करते हुए भारत आईं और 20 जुलाई 2024 को अपने बयान कोर्ट के समक्ष दर्ज करवाए. इस वाद में 7 अभियोजन साक्षी की गवाही काफी समय पहले पूरी कर ली गई थी, लेकिन न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट नरेंद्रनगर के पीठासीन अधिकारी श्रेय गुप्ता ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अभियोजन पक्ष को गवाह पेश करने के लिए पूरा अवसर दिया. इसके साथ ही अभियोजन पक्ष और अभियुक्त पक्ष को पूरा अवसर दिया गया.

 

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