ब्लूचिस्तान के मंगोचर शहर पर विद्रोहियों का सरकारी इमारतों पर कब्जा
,पाकिस्तानी सेना ने घुटने टेके- बीएलए द्वारा 214 बंधकों को मारने का दावा

क्वेटा (पाकिस्तान) : पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सुरक्षा हालात फिर से बिगड़ गए हैं. सूत्रों के अनुसार, बलूच विद्रोहियों ने कलात जिले के मंगोचर शहर पर कब्जा कर लिया है. सैकड़ों सशस्त्र विद्रोहियों ने सरकारी भवनों और सैन्य ठिकानों को अपने नियंत्रण में ले लिया है.
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के कलात जिले के मंगोचर शहर पर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में विद्रोहियों को सरकारी इमारतों और दफ्तरों पर नियंत्रण करते देखा गया है. यह घटना ऐसे समय में हुई है. जब पाकिस्तान ने भारत से संभावित हमले की आशंका जताते हुए अपनी पश्चिमी सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ाई थी. क्या यह मंगोचर की हार बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के सफाए का संकेत है?
जानकारी के मुताबिक, बलूच लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना के मुख्य शिविर पर जोरदार हमला किया है. इलाके में भारी गोलीबारी और विस्फोटों की आवाजें गूंज रही हैं. विद्रोहियों और पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के बीच लगातार मुठभेड़ जारी है. स्थानीय निवासियों ने बताया कि पूरे शहर में तनाव और अराजकता का माहौल है. कई लोग अपने घरों में छुप गए हैं, वहीं कुछ इलाकों से लोगों का पलायन शुरू हो गया है.
मंगोचर पर कब्जा
बीएलए ने दावा किया कि इस ऑपरेशन में 50 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए. जबकि पाकिस्तानी सेना ने 18 सैनिकों और 33 विद्रोहियों सहित 64 लोगों के मारे जाने की बात कही. बीएलए ने इन आंकड़ों का खंडन करते हुए 214 बंधकों को मारने का दावा किया. जिसमें ज्यादातर सैनिक शामिल थे. यह हमला बीएलए के ‘ऑपरेशन हेरोफ’ का हिस्सा बताया जा रहा है जिसके तहत विद्रोहियों ने बलूचिस्तान के कई हिस्सों में नियंत्रण कर लिया है. शनिवार को सामने आए वीडियो और रिपोर्ट्स के अनुसार बलूच विद्रोहियों ने मंगोचर में पाकिस्तानी सेना के शिविर पर हमला किया और कई हथियार जब्त किए. शहर में हुई झड़पों में विद्रोहियों ने सरकारी भवनों पर कब्जा कर लिया.
पाकिस्तानी सेना बैकफुट पर
पिछले कुछ महीनों में बीएलए ने बलूचिस्तान में हमले तेज किए हैं. 26 अप्रैल 2025 को क्वेटा में हुए आईईडी विस्कोट में 10 अर्धसैनिक बलों के जवान मारे गए थे. जिसकी जिम्मेदारी बीएलए ने ली. मार्च में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक और नोशकी में सैन्य काफिले पर हमले जैसे बड़े ऑपरेशनों ने पाकिस्तानी सेना की कमजोरी उजागर की. अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार 2024 में बीएलए ने 150 से अधिक हमले किए जो हर महीने औसतन 12 हमलों के बराबर है. मंगोचर पर कब्जा बीएलए की रणनीतिक ताकत और संगठनात्मक क्षमता को दर्शाता है जिसने पाकिस्तानी सेना को बैकफुट पर ला दिया है.