कांग्रेस- यूपी में मिशन-27 की तैयारी में जुटी

नेहरू भवन में17 मई को होगी संगठन सृजन कार्यशाला

लखनऊ : उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर कमर कस ली है. पार्टी अब राज्य में बूथ स्तर तक मजबूत संगठन खड़ा करने की दिशा में तेजी से कदम उठा रही है. इसी क्रम में आगामी 17 मई को लखनऊ स्थित नेहरू भवन में एक संगठन सृजन कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के कई वरिष्ठ नेता शिरकत करेंगे.

यह कार्यशाला अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के दिशा-निर्देशों के अनुसार आयोजित की जा रही है. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में देशभर में चल रहे संगठन सृजन अभियान को उत्तर प्रदेश में भी नए आयाम देने की कोशिश की जा रही है.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि पार्टी पांच स्तरीय संगठन तैयार कर रही है, जिसमें जिला, मंडल, ब्लॉक, न्याय पंचायत और बूथ है. उन्होंने कहा कि “हम अहमदाबाद अधिवेशन के फैसलों को तय समय में पूरा करेंगे और मुख्य संगठन के साथ-साथ फ्रंटल संगठनों को भी मजबूती देंगे.”

अविनाश पांडेय ने बताया कि यह कार्यशाला पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है. उन्होंने कहा कि “हम ऐसा संगठन खड़ा करना चाहते हैं जो भाजपा सरकार के कुशासन के खिलाफ जनता की मजबूत आवाज बने.”

कार्यशाला में प्रदेश के सभी जिलों और शहरों के कांग्रेस अध्यक्ष, जिला संयोजक, फ्रंटल संगठनों, विभागों और प्रकोष्ठों के अध्यक्ष भाग लेंगे. इस कार्यक्रम को एआईसीसी महासचिव और यूपी प्रभारी अविनाश पांडेय, यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय, कांग्रेस सचिव धीरज गुर्जर, महिला कांग्रेस की चेयरपर्सन अलका लांबा, मीडिया विभाग प्रमुख पवन खेड़ा, सोशल मीडिया प्रभारी सुप्रिया श्रीनेत, सेवादल के लालजी देसाई, युवा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभानु चिब, एनएसयूआई अध्यक्ष वरुण चौधरी, वॉर रूम प्रभारी शशिकांत सैंथिल, ओबीसी विभाग के डॉ. अनिल जयहिंद, एससी विभाग के राजेश लिलोठिया, और अल्पसंख्यक विभाग प्रमुख सांसद इमरान प्रतापगढ़ी सहित कई नेता संबोधित करेंगे.

गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी इन दिनों ‘भारत जोड़ो’ और ‘संगठन सृजन’ जैसे अभियानों के जरिए खुद को नए सिरे से खड़ा करने की कोशिश में जुटी है. उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में पार्टी की कमजोर स्थिति को देखते हुए संगठनात्मक मजबूती कांग्रेस के लिए 2027 की राजनीति में निर्णायक साबित हो सकती है. इस कार्यशाला से कांग्रेस संगठन को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है और यह कार्यकर्ता स्तर पर जोश भरने का काम भी करेगी.

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