लखनऊ से कानपुर का सफर महज 35 मिनट में!

जून में शुरू होगा एक्सप्रेसवे, बीच सड़क पर नहीं होंगे टोल प्लाजा

लखनऊ : जल्द ही लखनऊ से कानपुर के बीच का सफर महज 35 मिनट में पूरा हो सकेगा. मौजूदा समय में लखनऊ और कानपुर के बीच की दूरी डेढ़ से तीन घंटे में पूरी होती है. लेकिन लखनऊ-कानपुर के बीच बन रहे नेशनल एक्सप्रेसवे से अब यह दूरी आधे घंटे की रह जाएगी. लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. 6 लेन वाला यह एक्सप्रेसवे 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा.

4,700 करोड़ की लागत से बन रहा एक्सप्रेसवे
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे की नींव दिसंबर 2020 में राष्ट्रीय राजमार्ग के दर्जे के साथ रखी गई थी. लगभग 4,700 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस प्रोजेक्ट का 80% से अधिक काम पूरा हो चुका है. उम्मीद है कि यह जून 2025 तक पूरी तरह चालू हो जाएगा.

यह एक्सप्रेसवे लखनऊ के पिपरसंड से शुरू होकर नवाबगंज, बंथरा, बनी, दतौली कांठा, तौरा, नीरना, अमरसस और रावल होते हुए कानपुर के उन्नाव में आजाद चौक पर समाप्त होगा. इसका 18 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड है, जबकि 45 किलोमीटर ग्रीनफील्ड रूट पर बनाया गया है. इसमें 3 बड़े पुल, 28 छोटे पुल, 6 फ्लाईओवर, 38 अंडरपास और 4 इंटरचेंज शामिल हैं. यह लखनऊ रिंग रोड और गंगा एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा, जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश और अन्य क्षेत्रों तक कनेक्टिविटी बेहतर होगी.

लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे एक्सप्रेसवे पर कुल 63 किमी का यह रूट होगा. इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से लखनऊ- कानपुर पर हैवी ट्रैफिक का लोड भी कम होगा. इतना ही नहीं इस एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे और शहीद पथ से भी जोड़ा जाएगा. अन्य एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी की वजह से पश्चिम यूपी तक का सफर भी आसान होगा.

लखनऊ से कानपुर एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में विकसित होने वाला पहला एक्सप्रेसवे होगा, जो मुख्य सड़क पर ट्रैफिक को कम करने के लिए लखनऊ रिंग रोड से जोड़ा जाएगा. यह रूट NH 25 की बराबरी में 3.5 किलोमीटर की दूरी पर चलेगा. यह लखनऊ में शहीद पथ के पास से नवाबगंज को बंथरा, बानी, दतौली और कांथा होते हुए कानपुर से जोड़ेगा. इस एक्सप्रेसवे को 4,700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है. ये भारतमाला परियोजना के पहले चरण के तहत सरकार के ज़रिए पहचानी गई छह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजनाओं में से एक है.

सिर्फ कार और भारी वाहन ही चल सकेंगेः NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सौरभ चौरसिया ने बताया कि लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे को हाई-स्पीड कॉरिडोर के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य तेज़ और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने सुरक्षा कारणों से बाइक, ऑटो और छोटे लोडर वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.

उन्होंने बताया कि सुरक्षा प्राथमिकता है. हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे पर बाइक और ऑटो जैसे हल्के वाहन तेज़ गति से चलने वाली कारों और भारी वाहनों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. NHAI द्वारा निर्मित अन्य एक्सप्रेसवे, जैसे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पर भी इसी तरह के प्रतिबंध हैं. हल्के वाहनों की धीमी गति ट्रैफिक फ्लो को बाधित कर सकती है, जिससे एक्सप्रेसवे का उद्देश्य प्रभावित होगा. इसीलिए केवल कारों और भारी वाहनों को अनुमति दी गई है.

Related Articles

Back to top button