आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते

भारत ने पाकिस्तान को लेकर अपना रुख फिर दोहराया

नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को पाकिस्तान के साथ बातचीत को लेकर भारत का रुख फिर से दोहराया। उन्होंने कहा कि अब दोनों देशों के बीच सिर्फ एक ही बात करने लायक है। वो है पाकिस्तान आतंकवादियों को भारत को सौंप दे और जम्मू-कश्मीर के उस हिस्से को खाली कर दे जिस पर उसने गैरकानूनी तरीके से कब्जा कर रखा है।

MEA प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, “पाकिस्तान के साथ बातचीत को लेकर हमारा रुख साफ है। कोई भी बातचीत द्विपक्षीय होनी चाहिए। हम फिर से कहना चाहते हैं कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। उन्हें उन आतंकवादियों को भारत को सौंपना होगा, जिनके रिकॉर्ड और लिस्ट हमने उन्हें कुछ साल पहले सौंपी थी।”

पानी और खून साथ नहीं बह सकते
जम्मू-कश्मीर पर बात तभी होगी जब पाकिस्तान PoK को खाली करेगा और उस इलाके को हमें सौंप देगा। सिंधु जल संधि पर जायसवाल ने कहा कि यह तब तक रुकी रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना पूरी तरह से बंद नहीं कर देता। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों को दोहराया, “जैसे PM नरेंद्र मोदी कहते हैं, आतंक और बातचीत साथ नहीं चल सकते, आतंक और व्यापार साथ नहीं चल सकते, और पानी और खून साथ नहीं बह सकते।”

विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी की बात दोहराई
इससे पहले 12 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा था, “जिस तरह से पाकिस्तानी सेना, पाकिस्तान सरकार आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है, वह एक दिन पाकिस्तान को बर्बाद कर देगा। अगर पाकिस्तान को बचना है, तो उसे अपने आतंकी ढांचे को नष्ट करना होगा। शांति का कोई और रास्ता नहीं है। भारत का रुख बहुत स्पष्ट है… आतंक और बातचीत साथ नहीं चल सकते… आतंक और व्यापार साथ नहीं चल सकते…. पानी और खून साथ नहीं बह सकते।”

पाकिस्तान के खिलाफ कई कूटनीतिक कदम उठाए
पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कूटनीतिक कदम उठाए हैं। इसमें सिंधु जल संधि को रोकना भी शामिल है। सिंधु जल संधि एक समझौता है जिसके तहत भारत और पाकिस्तान सिंधु नदी के पानी का इस्तेमाल करते हैं। भारत ने कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, तब तक यह समझौता रुका रहेगा।

भारत का कहना है कि पाकिस्तान को आतंकवाद को खत्म करना होगा तभी दोनों देशों के बीच कोई बातचीत हो सकती है। भारत ने यह भी कहा है कि वह PoK पर बातचीत करने के लिए तैयार है, क्योंकि यह भारत का अभिन्न अंग है जिस पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। भारत का यह रुख साफ है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते।

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