हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को लगाई फटकार

कहा- 'अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब सेना को बदनाम करना नहीं'

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय सेना पर कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को फटकार लगाई है। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने कहा कि “संविधान का अनुच्छेद 19(1)(ए) भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है,” फिर भी यह उचित प्रतिबंधों के अधीन है।

उच्च न्यायालय ने विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी द्वारा 2022 की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना के खिलाफ उनकी कथित अपमानजनक टिप्पणी के संबंध में लखनऊ की एक अदालत द्वारा जारी समन आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।

न्यायालय ने आगे कहा कि अनुच्छेद 19 (1) (ए) उन बयानों पर लागू नहीं होता है जो “भारतीय सेना के लिए अपमानजनक” हैं। “इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत के संविधान का अनुच्छेद 19(1)(ए) भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है, यह स्वतंत्रता उचित प्रतिबंधों के अधीन है और इसमें किसी व्यक्ति या भारतीय सेना के लिए अपमानजनक बयान देने की स्वतंत्रता शामिल नहीं है।

पिछले सप्ताह सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने कहा। भारतीय सेना के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी पर निचली अदालत के समन को चुनौती देने वाली राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया था। आदेश पारित करने वाले न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने कहा कि अगले सप्ताह विस्तृत निर्णय सुनाया जाएगा।

सरकार की कानूनी टीम ने तर्क दिया कि गांधी की याचिका स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि उनके पास सत्र न्यायालय में अपील करने का विकल्प था। उन्होंने दावा किया कि शिकायत और गवाहों के बयानों के आधार पर प्रथम दृष्टया मामला बनता है। गांधी के वकील ने तर्क दिया कि शिकायत राजनीति से प्रेरित है और इसमें कोई दम नहीं है। यह मामला उदय शंकर श्रीवास्तव द्वारा दायर की गई शिकायत से उपजा है, जिन्होंने आरोप लगाया था कि गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अपमानजनक टिप्पणी की थी।

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