कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने PM को किया इनवाइट
10 साल बाद कनाडा जाएंगे पीएम मोदी, क्या दोनों देशों के बीच सुधरेंगे संबंध?

नई दिल्ली : कनाडा ने आखिर भारत को जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेज दिया है। कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने पीएम मोदी को फोन कर जी-7 शिखर सम्मेलन में आने का निमंत्रण दिया। इसके साथ ही दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने को लेकर चर्चा की। इस मौके पर पीएम मोदी ने कनाडा के नवनिर्वाचित पीएम को चुनाव में जीत पर बधाई दी। पीएम मोदी ने खुद इस बात की जानकारी दी।
पीएम मोदी ने सहर्ष उनका आमंत्रण स्वीकार किया सोशल मीडिया के जरिए बैठक में हिस्सा लेने की सूचना दी। बैठक के दौरान पीएम मोदी और पीएम कार्नी के बीच मुलाकात भी होगी। यह बैठक तकरीबन दो वर्षों से दोनो देशों के रिश्तों में आये तनाव को खत्म कर सकता है। इसके पहले पीएम मोदी ने वर्ष 2015 में कनाडा की यात्रा की थी।
वर्ष 2019 से जी-7 की हर बैठक में पीएम मोदी को विशेष तौर पर आमंत्रित किया जाता रहा है और वह हर बार इसमें हिस्सा भी लेते रहे हैं। एक दिन पहले तक कांग्रेस की ओर से मुद्दा बनाया जा रहा था कि भारत को आमंत्रित नहीं किया गया है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि कि कनाडा के पीएम मार्क जे कार्नी से बात करके बहुत खुशी हुई। उन्हें हाल ही में संपन्न चुनाव पर बधाई दी और इस महीने कैनानास्किस में होने वाली जी-7 सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। दो जीवंत लोकतांत्रिक देश जो अपने देशों की जनता के संबंधों से जुड़े हैं, भारत और कनाडा के संबंधों में जोश भरने, परस्पर आदर व हितों के लिए साथ साथ काम करेंगे। सम्मेलन के दौरान हमारी मुलाकात को लेकर मैं उत्सुक हूं।
कनाडा की नई सरकार का रवैया थोड़ा अलग
पीएम मोदी का यह संदेश इस बात की तरफ इशारा करता है कि कनाडा की नई सरकार का रवैया पूर्व जस्टिन ट्रुडो सरकार से अलग है। खालिस्तानी समर्थकों ने कनाडा की सरकार से आग्रह किया था कि जी-7 बैठक के लिए भारतीय पीएम को आमंत्रित नहीं किया जाए। इसके बावजूद कार्नी ने मोदी को आमंत्रित करके यह साफ किया है कि वह दोनों देशों के मौजूदा तनावपूर्ण रिश्तों को खत्म करना चाहते हैं। इसके पहले जब विदेश मंत्री एस जयशंकर और कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद के बीच भी टेलीफोन पर द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने को लेकर बात हुई थी।
भारत और कनाडा के आपसी संबंध सितंबर, 2023 में तब खराब होने शुरू हुए जब पूर्व पीएम ट्रुडो ने अपने संसद में यह आरोप लगाया कि भारतीय एजेंसियां कनाडाई नागरिकों की हत्या करा रही हैं। इस संबंध में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या भारतीय एजेंसियों के एजेंटों से कराने का आरोप लगाया गया। इसके बाद दोनों देशों में कूटनीतिक तनाव इस हद तक खराब हो गया कि एक दूसरे के कई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया गया।
पहले लगाए जा रहे थे कई कयास
इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि दोनों देशों के बीच रिश्तों में तल्खी की वजह से कनाडा की तरफ से इस बार भारत को जी-7 समिट में शामिल होने का न्योता नहीं भेजा जाएगा। यदि ऐसा होता तो 2019 के बाद यह पहला मौका होता कि पीएम मोदी इस समिट में हिस्सा नहीं लेते। कुछ समय पहले तक कनाडा की तरफ से भी भारत को निमंत्रण देने को लेकर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गई थी।