आगरा सिर्फ ताजमहल तक सीमित नहीं, अब भविष्य का स्मार्ट शहर!
94 गांवों को मिला कर बनेगा स्मार्ट सिटी, 14 लाख लोगों को मिलेंगे घर

आगरा : ताज नगरी अब भविष्य का स्मार्ट शहर बनने की राह पर है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) न्यू आगरा अर्बन सेंटर को एक सुनियोजित, प्रदूषणमुक्त और औद्योगिक दृष्टि से समृद्ध शहर के रूप में विकसित करने जा रहा है। इसके लिए जोनल प्लान तैयार हो चुका है और जून में आगरा विकास प्राधिकरण, उद्यमियों और स्टेकहोल्डर्स के साथ विशेष बैठक बुलाई जाएगी। बैठक में उद्योगों, बुनियादी ढांचे और प्लान में जरूरी सुधारों पर सुझाव लिए जाएंगे।
जोनल प्लान तैयार, जून में होगी अहम बैठक
इस मेगा प्रोजेक्ट का जोनल प्लान बनकर तैयार हो चुका है और अब अगला कदम इसे जमीन पर उतारने का है. जून में एक विशेष बैठक बुलाई जा रही है जिसमें आगरा विकास प्राधिकरण, उद्यमी, निवेशक और अन्य स्टेकहोल्डर्स भाग लेंगे. इस बैठक में योजनाओं में सुधार के सुझाव लिए जाएंगे, ताकि हर पहलू को और अधिक व्यावहारिक और टिकाऊ बनाया जा सके.
ताजमहल रहेगा प्रदूषण से दूर
शहर का विस्तार यमुना एक्सप्रेसवे के दोनों ओर किया जाएगा, लेकिन ताजमहल की सुंदरता और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ताज ट्रैपेजियम जोन (TTZ) को पूरी तरह से प्रदूषणमुक्त रखा जाएगा. यहां किसी भी तरह की औद्योगिक गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी जो विश्व धरोहर स्थल की शांति और स्वच्छता को प्रभावित करे.
पहले चरण में औद्योगिक क्षेत्र का होगा विकास
शहर का पहला चरण औद्योगिक विकास पर केंद्रित होगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे. योजना के तहत 14.6 लाख लोगों के लिए आवास और 8.5 लाख लोगों को रोजगार देने की तैयारी है. यह शहर 36 गांवों में पहले विकसित होगा और इसके बाद 58 और गांवों की 9500 हेक्टेयर भूमि इसमें जोड़ी जाएगी.
आधुनिक बुनियादी ढांचे से सजेगा शहर
यह नया शहर सिर्फ आवासीय या औद्योगिक नहीं होगा, बल्कि इसमें वाणिज्यिक केंद्र, हरित क्षेत्र, जल स्रोतों की रक्षा, और स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम की सुविधा भी होगी. ज़ोनल प्लान में पर्यावरणीय प्रभाव, जनसंख्या घनत्व, सड़क नेटवर्क और व्यापारिक संभावनाओं का गहन विश्लेषण किया गया है.
YEIDA के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि यह योजना अंतिम चरण में है और जून की बैठक के बाद इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा. उनका कहना है, “न्यू आगरा सिर्फ एक शहर नहीं, एक सपना है, जिसमें तकनीक, परंपरा और प्रगति साथ-साथ चलेंगे.”