डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत में पुतिन की दो टूक
यूक्रेन के ड्रोन अटैक का बदला लेंगे... जेलेंस्की की बढ़ी टेंशन

वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बातचीत की है। दोनों नेताओं में 75 मिनट तक ये बातचीत चली, जिसमें खासतौर से यूक्रेन के रूसी एयरबेस पर ड्रोन हमले और ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में चर्चा हुई।
ट्रंप ने बातचीत के बाद सोशल मीडिया पर बताया कि पुतिन ने सख्ती के साथ यूक्रेन से ड्रोन हमले का बदला लेने की बात कही है। पुतिन ने ट्रंप से कहा कि रूस अपने सैन्य हवाई अड्डों पर यूक्रेनी ड्रोन हमले का जवाब देगा। ट्रंप ने पुतिन के साथ वार्ता को अच्छी बताया लेकिन साथ ही ये भी साफ किया कि यह बातचीत ऐसी नहीं थी, जो तुरंत चीजों को शांति की तरफ लेकर जाए।
पुतिन और ट्रंप की ये बातचीत यूक्रेन के रूस में ड्रोन हमले के चार दिन बाद हुई है। रविवार को यूक्रेन ने रूसी एयरबेसों को निशाना बनाते हुए बड़े हमले को अंजाम दिया है। इस हमले में रूस के 40 फाइटर जेट तबाह होने का दावा किया गया है। अरबों डॉलर के नुकसान के बाद रूस की ओर से यूक्रेन पर बड़े हमले का अंदेशा जताया जा रहा है। अब व्लादिमीर पुतिन ने साफ किया है कि उनकी ओर से जवाबी हमला होगा। पुतिन की यह वॉर्निंग यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की टेंशन बढ़ाएगी, जो ड्रोन अटैक के बाद से जश्न के मूड में हैं।
हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी स्वीकार किया कि यह बातचीत शांति की ओर कोई ठोस कदम नहीं है, लेकिन दोनों देशों के बीच संपर्क बनाए रखना जरूरी है। यह बातचीत 19 मई के बाद ट्रंप और पुतिन के बीच पहली बार हुई है।
इस फोन कॉल के दौरान ट्रंप और पुतिन ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर भी गंभीर बातचीत की। ट्रंप ने बताया कि उन्होंने पुतिन से कहा कि ईरान को किसी भी हालत में परमाणु हथियार नहीं बनाने दिए जाने चाहिए, और इस मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच सहमति दिखी। ट्रंप ने लिखा, ‘मैंने राष्ट्रपति पुतिन से कहा कि ईरान परमाणु हथियार नहीं बना सकता, और मुझे लगता है कि इस मुद्दे पर हमारी राय एक जैसी है।’ ट्रंप के अनुसार, पुतिन ने यह भी संकेत दिया कि वे ईरान के साथ हो रही बातचीत में हिस्सा लेने को तैयार हैं और इस मुद्दे को जल्दी हल करने में मदद कर सकते हैं।
ट्रंप ने आरोप लगाया कि ईरान जानबूझकर इस मुद्दे पर फैसला लेने में देरी कर रहा है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि ईरान को इस विषय पर स्पष्ट और अंतिम निर्णय लेना होगा। ‘यह मेरा मानना है कि ईरान जानबूझकर फैसले को टाल रहा है, लेकिन अब इस अहम मुद्दे पर हमें जल्द ही एक निश्चित जवाब चाहिए।’