बिन बुलाए मेहमान ‘पाक आर्मी चीफ मुनीर’ की अमेरिका ने फिर किरकिरी

व्हाइट हाउस ने किया स्पष्ट - “कोई भी विदेशी सैन्य नेता’ इस आयोजन में आमंत्रित नहीं

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय वाइट हाउस ने कहा है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर को 14 जून को वॉशिंगटन में होने वाली अमेरिकी सैन्य परेड के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है। वाइट हाउस ने असीम मुनीर को अमेरिका में बुलाए जाने से जुड़ी रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है। वॉशिंगटन में यह परेड अमेरिकी सशस्त्र बलों की 250वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित की जा रही है। इसी दिन यानी 14 जून को ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 79वां जन्मदिन भी है। इस परेड का आयोजन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के 79वें जन्मदिन के साथ हुआ, जिसमें 6,600 सैनिक, 150 वाहन, और 50 विमानों ने हिस्सा लिया.

व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया, “कोई भी विदेशी सैन्य नेता इस आयोजन में आमंत्रित नहीं था.” यह बयान उन अफवाहों को खारिज करता है, जिनमें दावा किया गया था कि मुनीर को अमेरिका ने विशेष अतिथि के रूप में बुलाया था.

पाकिस्तानी मीडिया और कुछ भारतीय समाचार चैनलों ने 12 जून को खबरें चलाईं कि मुनीर को अमेरिकी सेना के समकक्षी ने परेड में शामिल होने का निमंत्रण दिया था. इन खबरों ने भारत में विवाद खड़ा कर दिया. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे भारत के लिए “कूटनीतिक झटका” करार देते हुए ट्रम्प प्रशासन की नीतियों पर सवाल उठाए थे.

व्हाइट हाउस ने इन दावों को “फर्जी खबर” बताते हुए कहा कि परेड की योजना पिछले साल शुरू हुई थी और यह पूरी तरह अमेरिकी सेना के इतिहास को समर्पित थी. सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे ने जोर पकड़ा, जहां कई यूजर्स ने पाकिस्तान के दावों को प्रचार करार दिया.

इस घटना ने एक बार फिर भारत-पाक-अमेरिका के बीच जटिल कूटनीतिक समीकरणों को उजागर किया. विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान ने इस अफवाह के जरिए अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि सुधारने की कोशिश की, लेकिन व्हाइट हाउस के खंडन ने उसे शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा.

कई वेबसाइट में आई थी रिपोर्ट
पाकिस्तान के मीडिया आउटलेट्स ने दावा किया था कि असीम मुनीर को एक आधिकारिक निमंत्रण मिला है। वह अमेरिका में जाकर सैन्य परेड में शामिल होंगे। इसे भारतीय विश्लेषकों और दक्षिण एशिया की स्थिति को समझने वाले एक्सपर्ट ने भारत के लिए एक झटके की तरह देखा था। एक्सपर्ट ने कहा था कि पाक सेना से अमेरिका की करीबी भारत के लिए मुश्किल का सबब बनेंगी। दूसरी ओर पाकिस्तानी मीडिया में इसके लिए लगातार शेखी बघारी जा रही थी।

रैंड कॉर्पोरेशन के वरिष्ठ रक्षा विश्लेषक डेरेक ग्रॉसमैन ने मुनीर को निमंत्रण से जुड़ी रिपोर्ट सामने आने पर इसे भारत के लिए राजनयिक झटका करार दिया था। ग्रॉसमैन ने एक्स पर लिखा था, ‘पाकिस्तानी फील्ड मार्शल असीम मुनीर को ट्रंप प्रशासन का निमंत्रण एक कट्टर भारत विरोधी आतंकवादी को आमंत्रित करने के समान है।’ इस तमाम भ्रम के बीच अमेरिकी अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि असीम मुनीर या किसी भी विदेशी मेहमान को नहीं बुलाया गया है।

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