भारत के ‘योग का महत्व! देश- लंदन से लेकर लद्दाख तक आयोजित हुए योग कार्यक्रम
लद्दाख में 14 हजार फीट की ऊंचाई पर लोगों ने किये योगासन, केंद्रीय मंत्री भी हुए शामिल

नई दिल्ली /लेह, लद्दाख : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि दुनिया किसी न किसी तनाव से गुजर रही है, कितने ही क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है और ऐसे में योग से हमें शांति की दिशा मिलती है। उन्होंने यह भी कहा कि योग हमें दुनिया को जोड़ने का संदेश देता है और यह सीमाओं, पृष्ठभूमि, उम्र या क्षमता से बंधा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से आज पूरी दुनिया किसी न किसी तनाव से गुजर रही है। कितने ही क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है। ऐसे में योग से हमें शांति की दिशा मिलती है।
भारत सरकार के विधि एवं न्याय राज्य मंत्री तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल शनिवार को स्पितुक के सबसे ऊंचे एस्ट्रोटर्फ फुटबॉल स्टेडियम में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. यह कार्यक्रम यूटी प्रशासन तथा महाबोधि अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्र (एमआईएमसी) द्वारा आयोजित किया गया था.
समारोह के दौरान आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का सीधा प्रसारण भी किया गया. केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि भारत योग के क्षेत्र में लीडर है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना की, जिनकी संयुक्त राष्ट्र महासभा में की गई अपील के परिणामस्वरूप 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में अपनाया गया.
ITBP के जवानों ने पैंगोंग से दुनिया को दिया संदेश, 14 हजार फीट की ऊंचाई पर किया योग
आईटीबीपी की 24वीं बटालियन के जवानों ने लेह के पास स्थित प्रसिद्ध पैंगोंग त्सो झील के किनारे योग किया। यह जगह समुद्र तल से लगभग 14,000 फीट (4,267 मीटर) की ऊंचाई पर है, जहां ऑक्सीजन कम होती है और तापमान अक्सर -10°C से भी नीचे चला जाता है। इतनी ठंड और कठिन हालात में भी जवानों ने पूरे अनुशासन के साथ योगासन किए। उन्होंने ‘कॉमन योगा प्रोटोकॉल’ के तहत विभिन्न आसन किए और दिखाया कि योग सिर्फ शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि मानसिक शक्ति और हिम्मत का प्रतीक है। आईटीबीपी के जवान हर साल योग दिवस पर हिमालय की सीमाओं पर योग करके एक अनोखी मिसाल पेश करते हैं। इस बार भी उन्होंने साबित किया कि चाहे परिस्थितियां कितनी भी मुश्किल क्यों न हों, दृढ़ इच्छाशक्ति से हर चुनौती का सामना किया जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के दूत ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर यहां आयोजित विशेष ध्यान सत्र में कहा कि ऐसे समय में जब तनाव और मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियां बढ़ रही हैं, योग अधिक शांतिपूर्ण तरीके से जीवन जीने का मार्ग प्रदान करता है। प्रख्यात चिकित्सक, लेखक और स्वास्थ्य गुरु दीपक चोपड़ा ने शुक्रवार शाम को योग दिवस के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की ओर से संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित सत्र का नेतृत्व किया।
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के उत्तरी लॉन में रंग-बिरंगी चटाइयां बिछाई गई थीं, जहां 1,200 से अधिक लोगों ने 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि इस वर्ष योग दिवस का विषय – योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ है जो 2023 में भारत की जी-20 अध्यक्षता की थीम वन अर्थ, वन हेल्थ पर आधारित है।