आपातकाल में लोकतंत्र की हत्या! कैबिनेट में प्रस्ताव पास
लोकतंत्र की रक्षा और संविधान के मूल्यों को दोहराया गया, पीएम और मंत्रियों ने रखा 2 मिनट का मौन

नई दिल्ली : 1975 में देश पर थोपे गए आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की हत्या हुई. बुधवार को आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आपातकाल की ज्यादतियों के पीड़ितों को श्रद्धांजलि के देने के लिए कुछ क्षण का मौन रखा गया. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपातकाल के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया. जिसमें कहा गया कि आपातकाल में लोकतंत्र की हत्या हुई.
2025 में आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के मद्देनजर यह प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें लोकतंत्र की रक्षा और संविधान के मूल्यों को दोहराया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उन अनगिनत व्यक्तियों के बलिदान को याद करने और उनका सम्मान करने का संकल्प लिया, जिन्होंने आपातकाल और भारतीय संविधान की भावना को नष्ट करने के प्रयास का बहादुरी से विरोध किया था। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आपातकाल की निंदा की गई. आपातकाल लगाने से पहले और आपातकाल के दौरान हुई ज्यादतियों के पीड़ितों के लिए मौन रखा गया. पीएम मोदी सहित सभी मंत्रियों ने खड़े होकर दो मिनट का मौन रखा.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने आपातकाल की आलोचना की
दूसरी ओर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाए जाने की आलोचना करते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि उनके पोते राहुल गांधी ने विदेशी धरती पर यह दावा करके देश की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है
जानें कौन हैं लोकतांत्रिक सेनानी
कैबिनेट मीटिंग में दावा किया गया कि आपातकाल में मानवीय स्वतंत्रता और गरिमा को नष्ट किया गया है. कैबिने मीटिंग में जारी बयान में आपातकाल का विरोध करने वाले लोगों को लोकतंत्र सेनानी कहा गया है. कैबिनेट ने युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों से अपील की है कि वे इन लोकतांत्रिक सेनानियों से सीखएं. बयान में कहा गया कि इन वीरों ने तानाशाही प्रवृत्तियों का विरोध किया. हमारे संविधान और लोकतांत्रिक भावना की इन्होंने दृढ़ता से रक्षा की.
मीटिंग ने इन प्रस्तावों को मंजूरी
- पुणे शहर की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था संभालने के लिए पुणे मेट्रो की लाइन-2 पर मुहर लगाई गई है. 80km का नेटवर्क बनाया जाएगा. प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ने 3626 करोड़ रुपए अप्रूव किए गए है.
- झरिया कोलफील्ड के आग की समस्या के चलते ये फैसला किया गया है. अब एक नया मास्टर प्लान अप्रूव हुआ है. 5940 करोड़ रुपये के मास्टर प्लान को मंजूरी दी गई है.
- भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक देश है. आगरा में रीजनल पोटैटो सेंटर बनेगा. 111.5 करोड़ इसकी लागत होगी.