लखनऊ मेट्रो का दूसरा फेज शुरू होने जा रहा
नए रूट में जमीन से 100 फुट नीचे गुजरेगी मेट्रो

लखनऊ : चारबाग से बसंतकुंज तक ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर में मेट्रो जमीन से कम से कम सौ फुट नीचे से गुजरेगी। कॉरिडोर में सात भूमिगत व पांच एलिवेटेड स्टेशन होंगे। बुधवार को मेट्रो इंजीनियर्स नगर निगम पहुंचे। जहां सीवर, पानी पाइपलाइन, नालों आदि की जानकारी ली तथा मेट्रो की डिजाइन निगम अधिकारियों से साझा की। अगले दो से तीन दिन में निगम व मेट्रो की टीमें संयुक्त सर्वे शुरू करेंगी।
चारबाग से बसंतकुंज तक मेट्रो को वित्तीय मंजूरी गत 21 मई को मिल चुकी है। अब केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी शेष है, जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। निर्माण कार्य चार से पांच साल में पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद शहर की एक बड़ी आबादी को मेट्रो से आवागमन की सुविधा मिलेगी। कॉरिडोर की कुल लंबाई 11.165 किलोमीटर है, जिसके निर्माण पर 5801 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
इसी बीच बुधवार को मेट्रो इंजीनियरों की टीम नगर निगम पहुंची। जहां चारबाग से बसंतकुंज के बीच जमीन के नीचे स्थित पानी की पाइपलाइनों, सीवर, नालों आदि की जानकारियां ली। इसके अतिरिक्त मेट्रो डिजाइन अधिकारियों को दिखाई। भूमिगत मेट्रो स्टेशनों व रेलवे ट्रैक के निर्माण सीवर, पाइपलाइन, नालों से दिक्कतें न हों, इसके लिए दो से तीन दिन में संयुक्त सर्वे शुरू किया जाएगा।
इस रूट पर काफी पुराने नाले भी हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि कम से कम सौ फुट नीचे से मेट्रो गुजरेगी। नगर निगम के मुख्य अभियंता महेश वर्मा से मेट्रो इंजीनियर्स मिले। सूत्र बताते हैं कि भूमिगत रूट व स्टेशन बन जाने के बाद सीवर, पाइपलाइन आदि की सुविधाएं ऊपर शिफ्ट की जाएंगी।
शहर में अभी मेट्रो अमौसी से मुंशीपुलिया तक चलती है। अब दूसरे फेज में इसका संचालन चारबाग से बसंतकुंज तक होना है। वित्तीय संस्थान पीआईबी(पब्लिक इंवेस्टमेंट बोर्ड) की ओर से गत मई में इसकी मंजूरी मिल चुकी है। अब केंद्रीय कैबिनेट से हरी झंडी मिलनी है। इसके लिए डीपीआर कैबिनेट में भेजा गया है। बता दें कि चारबाग से बसंतकुंज की डीपीआर को प्रदेश सरकार से मार्च, 2024 में मंजूरी मिल चुकी है। गत वर्ष जुलाई में नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप ने भी मंजूरी दे दी है।
लखनऊ मेट्रो के चारबाग से वसंतकुंज ईस्ट रूट पर काम शुरू, अमीनाबाद, केजीएमयू, चौक समेत 12 स्टेशन होंगे