शुभांशु 28 घंटे सफर करके इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे
ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय, लखनऊ CMS स्कूल में माता-पिता ने देखा लाइव टेलीकास्ट

लखनऊ : भारत के शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में प्रवेश करने के बाद वहां के चालक दल के सदस्यों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।अंतरिक्ष स्टेशन के चालक दल ने एक्सिओम-4 मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन का स्वागत किया।
शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचते ही जयकारों से सीएमएस स्कूल परिसर गूंज उठा। कंधे पर तिरंगा और होठों पर विजय की मुस्कान लिए शुभांशु का अंतरिक्ष में स्वागत हुआ। वह 14 दिन प्रवास करेंगे। शुभांशु भारत के साथ अंतरिक्ष के नागरिक भी बने।
लखनऊ में कानपुर रोड के सिटी मांटेसरी स्कूल में बृहस्पतिवार को मिशन एक्सिओम-4 पर गए राजधानी के शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष यान ड्रैगन ग्रेस के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से जुड़ने के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा गया। जैसे ही शुभांशु आईएसएस में दाखिल हुए, पूरा सीएमएस सभागार भारत माता की जय के जयकारों से गूंज उठा।
शुभांशु के यान और अंतरिक्ष स्टेशन दोनों के बीच देर तक हवा के दबाव को बराबर लेवल पर लाने में समय लग रहा था, इस दौरान सबकी धड़कन अटक रही थी। लोग एक दूसरे को भरोसा-दिलासा और शुभकामना दे रहे थे। शुभांशु के यान को स्पेस स्टेशन से मजबूती से जोड़ा गया। इस प्रकिया को विज्ञान की भाषा में डॉकिंग कहते हैं।
साझा किया अनुभव
अंतरिक्ष यान से वीडियो लिंक के जरिये भेजे संदेश में शुभांशु शुक्ला ने बताया, प्रक्षेपण के दौरान गुरुत्वाकर्षण बल का सामना करने के दौरान ऐसा महसूस हुआ जैसे हमें अपनी सीट पर पीछे धकेला जा रहा हो। यह एक अद्भुत सफर था और फिर अचानक कुछ भी महसूस नहीं हुआ सब कुछ शांत था और आप बस तैर रहे थे। हम बेल्ट खोलकर निर्वात में तैर रहे थे। भारतीय अंतरिक्ष यात्री ने कहा कि निर्वात में जाने के बाद पहले कुछ क्षण तो अच्छे नहीं लगे लेकिन जल्द ही यह एक अद्भुत एहसास बन गया।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से शुभांशु शुक्ला ने भेजा मेसेज
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से शुभांशु शुक्ला ने देशवासियों के लिए मैसेज भेजा है. उन्होंने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों… मैं यहां पर पहुंच चुका हूं. यहां पर खड़े रहना मुश्किल है… सर थोड़ा भारी हो रहा है लेकिन आप सबकी शुभकामनाएं साथ हैं. चक्कर आ रहा है, लेकिन अगले 14 दिनों के लिए उत्साहित हूं.
ISS डॉकिंग: डॉकिंग का मतलब है ड्रैगन अंतरिक्ष यान का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचने के बाद उससे जुड़ जाना. लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद Axiom-4 मिशन को लेकर ड्रैगन अंतरिक्ष यान भारतीय समयानुसार गुरुवार, 26 जून को शाम करीब 4 बजे ISS पर डॉक कर गया.
ISS पर एक्सपेरिमेंट: मिशन क्रू के चारों सदस्य इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर लगभग 14 दिन रहेंगे और इस दौरान वो 60 एक्सपेरिमेंट भी करेंगे. यह आज तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर Axiom स्पेस मिशन पर आयोजित सबसे अधिक शोध और विज्ञान से संबंधित गतिविधियां होंगी.