प्रदेश में ग्रीनवेव बढ़ने के लिये ‘एक पेड़ मां के नाम’ से पौधारोपण का महाभियान
मुख्यमंत्री ने विभागवार कार्ययोजना को अत्यंत गंभीरता से लागू करने का आदेश

लखनऊ : पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दे रही योगी सरकार ने वन महोत्सव के तहत जुलाई में 35 करोड़ पौधे लगाने की तैयारी की है। शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पौधारोपण महाभियान- 2025 का लोगो जारी करते हुए कहा कि इस बार हम एक दिन में प्रदेश की कुल जनसंख्या से भी अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
‘एक पेड़ मां के नाम’ की थीम पर आधारित इस महाअभियान में हमारा सामूहिक प्रयास, प्रदेश को हीटवेव से ग्रीनवेव की ओर ले जा रहा है। मुख्यमंत्री ने अभियान को प्रदेशव्यापी जनांदोलन बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अभियान को जनसहभागिता से जोड़ना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। जागरूकता के लिए नुक्कड़ नाटकों, चित्रकला और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं, प्रभात फेरियों, फोटोग्राफी प्रतियोगिताओं जैसे कार्यक्रम किए जाएं। सार्वजनिक स्थलों पर फलदार वृक्षों का रोपण हो, ताकि हरियाली के साथ पौष्टिकता भी बढ़े। गोरखपुर लिंक, पूर्वांचल, बुंदेलखंड, आगरा-लखनऊ और गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे वृहद स्तर पर पौधारोपण कराया जाए, जिससे सर्विस लेन और मुख्य मार्गों के बीच आकर्षक हरित पट्टी तैयार हो सके।
लोकभवन में वन महोत्सव की तैयारियों के संबंध में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि इस बार वन विभाग 12.60 करोड़ और अन्य विभाग 22.40 करोड़ पौधे लगाएंगे। विभागवार लक्ष्य तय कर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।
पौधों की आपूर्ति के लिए 1901 वन विभागीय पौधशालाओं, 146 उद्यान विभाग की पौधशालाओं, 55 रेशम विभाग की पौधशालाओं और 484 निजी पौधशालाओं में कुल 52.43 करोड़ पौधों की नर्सरी तैयार की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागवार कार्ययोजना को अत्यंत गंभीरता से लागू किया जाए। ‘पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ’ के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया जाए।
प्रोजेक्ट अलंकार में लाभांवित सभी विद्यालयों में पौधारोपण हो। मेडिकल कालेजों, जिला अस्पतालों में सहजन आदि छायादार वृक्षों का रोपण किया जाए। औद्योगिक इकाइयों में सघन पौधरोपण हो। निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में नीम, पाकड़, पीपल जैसे पौधों का रोपण प्राथमिकता से किया जाए। मुख्यमंत्री ने इस वर्ष वन महोत्सव में नदियों के पुनर्जीवन को भी केंद्र में रखने के निर्देश दिए। कहा कि नदियों के दोनों तटों पर पौधारोपण कराया जाए, जिससे जल गुणवत्ता और जैव विविधता दोनों को लाभ मिले। नदियों के कैचमेंट क्षेत्र के सभी तालाबों के किनारों पर भी पौधरोपण सुनिश्चित हो।
उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के सभी लाभार्थियों से कम से कम एक पौधा अवश्य लगवाने के लिए समन्वय की आवश्यकता जताई और कहा कि प्रत्येक ग्राम सचिवालय, कृषि विज्ञान केंद्रों तथा सार्वजनिक संस्थानों को भी पौधरोपण लक्ष्य से जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौधों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। प्रत्येक रोपे गए पौधे की जियो टैगिंग कराई जाए और उनकी फेंसिंग की समुचित व्यवस्था हो। जनता को पौधे लगाने के साथ देखभाल के लिए भी प्रेरित किया जाए।
2017 से 2024 तक लगे 204.92 करोड़ पौधे
प्रदेश में वर्ष 2017 से 2024 के बीच प्रदेश में 204.92 करोड़ से अधिक पौधे रोपे जा चुके हैं। भारतीय वन सर्वेक्षण देहरादून की रिपोर्ट के अनुसार 2017 से 2023 के बीच प्रदेश के हरित आवरण में ऐतिहासिक रूप से तीन लाख एकड़ की वृद्धि दर्ज की गई है।
‘ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट’ से जुड़ेगा हर नवजातमु
ख्यमंत्री ने इस वर्ष एक अभिनव पहल की घोषणा की। निर्देश दिए कि वन महोत्सव की अवधि में जन्म लेने वाले प्रत्येक नवजात शिशु को ‘ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट’ प्रदान किया जाए। शिशु के अभिभावकों को एक पौधा भी भेंट किया जाए। यह प्रयास पर्यावरणीय चेतना को व्यक्तिगत जीवन से जोड़ने का अभिनव प्रयोग होगा, जिसमें पौधे की देखभाल की जिम्मेदारी उसी भावना से निभाई जाएगी जैसी किसी नवजात की।