कोटद्वार-पौड़ी हाईवे बन्द, चंद सेकेंड में गिरा पहाड़, बारिश से हाहाकार

यात्रियों से अपील- सतर्क रहें और सावधानीपूर्वक वाहन चलाएं

पौड़ी: कोटद्वार : पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुमखाल के पास बैरगांव में पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर सड़क पर गिरने से मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया है. साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कैसे चंद सेकेंड में सड़क पर बड़े-बड़े पत्थर और मिट्टी के ढेर ने यातायात को पूरी तरह रोक दिया है. संबंधित एजेंसियां मशीनों के जरिए मार्ग को खोलने में जुटी हैं, लेकिन बारिश और लगातार मलबा गिरने से काम में चुनौतियां आ रही हैं.

पौड़ी पुलिस प्रशासन ने सभी यात्रियों से अपील की है कि वो सतर्क रहें और सावधानीपूर्वक वाहन चलाएं. खासकर बरसात के मौसम में इस मार्ग पर भूस्खलन का खतरा बना रहता है. संबंधित कार्यदायी संस्थाएं मार्ग को जल्द से जल्द खोलने के लिए कार्य कर रही हैं. प्रशासन ने यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की भी सलाह दी है.

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के अनुसार कुमाऊं मंडल तक का हिस्सों में बारिश हो रही है. बारिश को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है. इसके अलावा पहाड़ों पर जहां-जहां सड़क बंद है उनको खोलने के प्रयास किया जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आपदा और भारी बरसात को लेकर जिला प्रशासन की नजर बनी हुई है. जहां से भारी बरसात या आपदा जैसी कोई सूचना आ रही है तो उसकी निगरानी वो स्वयं कर रहे हैं. जिला प्रशासन को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रखा गया है.

कुमाऊं मंडल में 24 घंटे से हो रही बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है. मलबा और लैंडस्लाइड के कारण कुमाऊं मंडल के 6 जिलों में 54 सड़कें बंद हैं. जिला प्रशासन और पीडब्ल्यूडी सड़कें खोलने का प्रयास कर रहे हैं. अधिकतर बंद सड़कें जिला और ग्रामीण मार्ग हैं.

पौड़ी जनपद में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जिले के 31 मोटर मार्गों पर यातायात पूरी तरह से बंद है. मलबा और बोल्डर गिरने से कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं. सड़कों को खोलने का काम जारी है. वहीं, अलकनंदा नदी का जलस्तर 533.20 मीटर पर है.

पौड़ी जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने बताया कि जल्द ही सभी मार्गों को सुचारू रूप से यातायात के लिए खोल दिया जाएगा. जिला प्रशासन ने लोक निर्माण विभाग और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जैसे ही कोई मार्ग अवरुद्ध होता है, तुरंत मशीनरी मौके पर भेजी जाए और रास्ता बहाल किया जाए. यदि कोई भी अप्रिय घटना घटित होती है, तो उसकी सूचना तत्काल जिला मुख्यालय को दी जाए, ताकि समय पर राहत एवं बचाव कार्य किया जा सके.

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