राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने UP को दी पहले आयुष विवि की सौगात

CM योगी का ऐलान, यूपी के छह मंडलों में बनेंगे आयुष महाविद्यालय

गोरखपुर : राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ और प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति में “महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय” का लोकार्पण किया। इसे 268 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इस मौके पर योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में छह मंडल ऐसे हैं, जहां आयुष पद्धति का कोई महाविद्यालय नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने तय किया है कि उन मंडलों में एक-एक आयुष पद्धति का कॉलेज स्थापित किया जाएगा। योगी ने कहा कि हर जनपद में आरोग्यता के लिए एक “हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” बनेगा, जो कम से कम 100 बिस्तरों का होगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने तय किया है कि जहां आयुष पद्धति का कोई महाविद्यालय नहीं है, उन मंडलों में भी आयुष पद्धति का एक-एक महाविद्यालय स्थापित किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में स्थापित प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।

आयुष विश्वविद्यालय से संबंध होंगे कॉलेज
योगी ने कहा कि आज आयुष मंत्रालय प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में देश के नागरिकों में अपनी परंपरागत आरोग्‍यता की पद्धति का मनन करते हुए लक्ष्य को प्राप्त कर रहा है। मुख्यमंत्री ने महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का जिक्र करते हुए कहा कि यह प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय है। परंपरागत पद्धति से जुड़े महाविद्यालयों को इस विवि से सम्बद्ध कर लिया गया है और यहां आयुर्वेद, होम्योपैथी, योग और प्राकृतिक चिकित्सा आदि अन्य पद्धतियों से जुड़ी आरोग्‍यता का लाभ न केवल यहां के लोग ले पाएंगे, बल्कि यह एक शोध केन्‍द्र के रूप में विकसित होगा। यह नौजवानों के रोजगार के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाएगा।

चिकित्सा सेवा के विकास में मील का पत्थऱ साबित
अपने संबोधन में महामहिम ने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ जैसे विलक्षण विभूति के पवित्र नाम से जुड़े इस विश्वविद्यालय में आकर उनके प्रति श्रद्धा का और अधिक संचार हो रहा है। यह विश्वविद्यालय समृद्ध, प्राचीन परंपराओं का नवनिर्मित व प्रभावशाली आधुनिक केंद्र है। यह उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में मेडिकल एजुकेशन व चिकित्सा सेवा के विकास में मील का पत्थऱ साबित होगा।

उच्च स्तरीय सुविधाओं का केंद्र है आयुष विश्वविद्यालय
राष्ट्रपति ने कहा कि यहां उच्च स्तरीय सुविधाओं का निर्माण किया गया है, जिनका लाभ जनसामान्य को सुलभ होगा। इस विश्वविद्यालय से संबद्ध लगभग 100 आयुष कॉलेज उत्कृष्टता से लाभान्वित हो रहे हैं। आयुष पद्धतियों में स्नातक से लेकर उच्चतम उपाधियों के स्तर पर भी शिक्षण एवं शोध कार्य किया जाएगा। यहां आयुष पद्धति से जुड़े रोजगारपरक पाठ्यक्रमों की शिक्षा दी जाएगी। पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विश्वस्तरीय व स्वीकार्य बनाने के लिए शोध कार्य पर विशेष बल दिया जाएगा।

विश्व में बज रहा भारत का डंका
राष्ट्रपति ने कहा कि हम भारत के पूर्वजों और ऋषि-मुनियों के ऋणी हैं, हमें उनका मान रखना है। आज विश्व में भारत का डंका बज रहा है। राष्ट्रवासियों ने स्वास्थ्य को संपदा बताते हुए इसे ठीक रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत 2047 तक विकसित हो, इसके लिए हमें भी आज से ही प्रयास करना होगा। शैक्षणिक, चिकित्सा समेत यह संस्था भी इसका माध्यम बनेगी।

केंद्र व प्रदेश सरकार ने इन पद्धतियों को किया प्रोत्साहित
राष्ट्रपति ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम की सर्वसमावेशी व उपयोगी दृष्टि के आधार पर हमने विदेश में उत्पन्न हुई चिकित्सा पद्धतियों को भी आयुष पद्धतियों में शामिल किया है। आज यूनान तथा मध्य एशिया के देशों में यूनानी चिकित्सा पद्धति का उतना उपयोग नहीं होता, जितना उपयोग भारत में होता है। जर्मनी में विकसित हुई होम्योपैथिक चिकित्सा को हमारे देश ने पूरी तरह अपना लिया है। 2014 में केंद्र व 2017 से यूपी सरकार ने आयुष विभागों की स्थापना करके देश-विदेश की इन सभी उपयोगी पद्धतियों को नई ऊर्जा के साथ प्रोत्साहित किया है।

योगी ने राष्ट्रपति और राज्यपाल को बधाई दी
उन्होंने प्रदेश के नागरिकों और विशेष रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश की ओर से राष्ट्रपति और राज्यपाल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह गौरव का विषय है कि राष्ट्रपति ने कल गोरखपुर ‘एम्स’ के पहले दीक्षांत समारोह में सहभागिता की और वहां से निकलने वाले चिकित्सकों को अपना मार्गदर्शन दिया और आज भटहट में न केवल यहां के स्थानीय नागरिकों, बल्कि पूरे प्रदेश को मार्गदर्शन मिलेगा।

समारोह में राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, डॉ. संजय निषाद, आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, सांसद रवि किशन, कुलपति के. रामचंद्र रेड्डी आदि मौजूद रहे।

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