ड्रग फ्री कैंपस के लिए देहरादून पुलिस की नई पहल?
अब एडमिशन के टाइम स्टूडेंट्स को भरना होगा ये फॉर्म

देहरादून : नशे की दलदल में फंस रहे छात्र-छात्राओं को बाहर निकालने के लिए पुलिस विभाग की ओर से ड्रग फ्री कैंपस अभियान शुरू किया जा रहा है। इस अभियान के तहत पुलिस की ओर से एडमिशन के समय सभी छात्रों व अभिभावकों व नए सत्र की शुरुआत में पुराने छात्रों से नशे के सेवन संबंधी सैंपल लेने के लिए सहमति फॉर्म भरवाने और इसमें अभिभावकों की जवाबदेही भी तय करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
भविष्य में नशे से संबंधित किसी शिकायत व संदेह पर पुलिस की ओर से सहमति फॉर्म के आधार पर पीजी व हास्टल में जाकर संबंधित छात्र का मेडीकल टीम रेंडम टेस्ट कर सकेगी। इसके अलावा यदि किसी छात्र की नशे में संलिप्तता पाई जाती है तो संस्थान प्रबंधक उस पर कड़ी कार्यवाही करते हुए उसे निष्कासित करेगी। यही नहीं शिक्षण संस्थानों के छात्रों के ड्रंक एंड ड्राइव में पकड़े जाने पर पुलिस की ओर से संबंधित संस्थान को सूचित किया जाएगा।
सूचना पर संस्थान की ओर से क्या कार्रवाई की गई है, इस संबंधी पुलिस को सूचित करना होगा। साथ ही नशे की गिरफ्त में आए छात्रों की काउंसलिंग के लिए नेशनल हेल्प लाइन नंबर 14446 में सूचना देने तथा उन्हें नशामुक्ति केंद्र में रैफर किया जाएगा।
रिजर्व पुलिस लाइन में एसएसपी देहरादून व एसएसपी एसटीएफ की अध्यक्षता में मुख्य शिक्षण संस्थानों, पीजी व हास्टल के प्रतिनिधियों के साथ गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि युवा पीढी को नशे की गिरफ्त में आने से बचाने के लिए ”ड्रग फ्री कैंपस” की शुरुआत की गई है, जो शिक्षण संस्थान की जिम्मदारी है।
इसमें शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ छात्रों व अभिभावकों की सहभागिता व उनकी जवाबदेही भी सुनिश्चित की जा रही है। अपनी जिम्मदारी पूर्ण न करने वाले शिक्षण संस्थानों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जरूरत पड़ने पर संदिग्ध छात्रों का रैंडम टेस्ट भी किया जा सकता है।
गोष्ठी में उपस्थित संस्थान प्रबंधकों से संवाद करते हुए एसएसपी अजय सिंह व एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने उन्हें अपने-अपने संस्थानों में ड्रग फ्री कैंपस की अवधारणा को साकार करने के लिए डिबेट, पोस्टर, पंपलेट, सेमिनार व अन्य माध्यमों से लगातार छात्र-छात्राओं को जागरूक करने को कहा। साथ ही नशे के विरुद्ध जागरूकता के लिए जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर 1933 से सभी को अवगत कराने के लिए निर्देशित किया।