स्वच्छ हवा के लिए प्रसिद्ध नैनीताल शहर स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ा

सर्वेक्षण में नगरपालिका को राज्य में 45वां और देश में 1029वां स्थान मिला

नैनीताल : साफ आबोहवा के लिए देश ही नहीं विदेशी पर्यटकों को भी अपनी ओर खींचने वाला नैनीताल शहर स्वच्छता में पिछड़ रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 के आंकड़े पालिका के शहर की साफ सफाई की पोल खोल रहे हैं। सर्वेक्षण में पालिका ने प्रदेश में 45वां व देश में 1029वां स्थान हासिल किया है। ऐसा ही कुछ हाल नैनीताल छावनी का भी है। जिसे प्रदेश में 103वां व देश में 1903 वां स्थान हासिल हुआ है।

गुरुवार को केंद्र सरकार की ओर से 2024-25 के नतीजे घोषित कर दिये गए है। इस साल अलग-अलग जनसंख्या वर्ग में 4589 शहरों को सर्वे में शामिल किया गया था। जिसमें फील्ड सर्वे, सिटीजन फीडबैक, कूड़ा निस्तारण जैसे पहलुओं पर शहरों की स्वच्छता का आकलन किया गया है। जिसमें नैनीताल शहर एक बार फिर पिछड़ा नजर आया।

नैनीताल पालिका ने प्रदेश में 45वां व देश में 1029वां स्थान हासिल किया गया है। छावनी परिषद का भी परिणाम संतोषजनक नहीं रहा। छावनी ने प्रदेश में 103वां व देश में 1903वां स्थान हासिल किया। सर्वे में पालिका व छावनी को पीछे धकेलने में यहां कूड़ा पृथक्करण व रिसाइकिल न होना अहम कारण है।

ईओ रोहिताश शर्मा ने बताया कि सर्वे के समय शहर में कोई सफाई निरीक्षक तैनात नहीं था जिस कारण परिणाम संतोषजनक नहीं आए हैं, जिसके बेहतर करने के प्रयास किये जा रहे है। यहां उल्लेखनीय है कि पालिका 2010 में स्वच्छता में प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त कर 50 लाख का पुरस्कार जीत चुकी है। पूर्व पालिकाध्यक्ष मुकेश जोशी मंटू बताते हैं कि उन्होंने पुरस्कार राशि में पांच लाख सफाई कर्मियों को बतौर पुरस्कार वितरित किया था।

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