उत्तराखंड में 5 साल में लापता हुईं 10,500 महिलाएं!
तीन साल में दुष्कर्म की 1822 घटनाएं, 318 अज्ञात महिलाओं के शव मिले

देहरादून : साल 2023 में आई नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) रिपोर्ट में उत्तराखंड महिला अपराधों के मामलों में देश के सभी हिमालयन स्टेट्स में सबसे आगे था. खास तौर से महिलाओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले में उत्तराखंड का डाटा चौंकाने वाला था. वहीं, अब समय बीतने के साथ यह देखना जरूरी है कि उत्तराखंड में महिला सुरक्षा को लेकर कोई सुधार हुए हैं या नहीं. इसको लेकर उत्तराखंड पुलिस ने महिला अपराध से जुड़े आंकड़े जारी किए हैं. (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) रिपोर्ट)
महिला अपराध के चौंकाने वाले आंकड़े: हैरानी की बात ये है कि उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से प्राप्त हुए आंकड़ों में हालातों में कुछ खास बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है. पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रदेश में आपराधिक आंकड़ों में ज्यादातर मामलों में 2023 तक के आंकड़े उपलब्ध करवाए गए हैं, यानी कि 2024 का डाटा अभी तक उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय उपलब्ध नहीं कर पाया है.
उत्तराखंड में तीन साल में 1 लाख से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए हैं. 2021 में जहां सबसे ज्यादा मुकदमे 34,875 दर्ज हुए थे. उसके अगले साल यानी साल 2022 में 34,607 मुकदमे दर्ज हुए. वहीं, साल 2023 में इनमें थोड़ा और कमी आई और आपराधिक मुकदमों की संख्या 34,465 रही.
उत्तराखंड में बढ़ता महिला अपराध: उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से प्राप्त हुई सूचना के अनुसार उत्तराखंड में महिला अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. पीएचक्यू से मिली जानकारी के अनुसार, साल 2021 से 2023 के बीच में बलात्कार की 1,822 घटनाएं हुईं. इस दौरान महिला अपहरण की 1,796 घटनाएं सामने आईं. महिला गुमशुदगी के 4,890 मामले दर्ज हुए तो दहेज हत्या की 190 घटनाएं भी हुई हैं.
अगर साल दर साल की बात करें तो उत्तराखंड में साल 2021 में दुष्कर्म की 593 घटनाएं हुई थीं. साल 2022 में दुष्कर्म की 337 घटनाएं हुईं. साल 2023 में दुष्कर्म के 635 घटनाएं हुईं. इसके साथ ही पिछले 5 सालों में 10 हजार 500 महिलाएं और बालिकाएं गुमशुदा थीं. इनमें से पुलिस 9733 को ढूंढ पाई. 757 गुमशुदा महिलाओं की तलाश आज भी जारी है.
इतनी महिलाएं हुईं गुमशुदा: अगर साल दर साल बात करें, तो साल 2021 में 1,494 महिलाएं और 404 बालिकाएं गुमशुदा हुईं. इनमें से 1,442 महिलाओं और 398 बालिकाओं को ढूंढ लिया गया. 62 महिलाएं और 6 बालिकाएं आज भी गुमशुदा हैं. साल 2022 में 1,632 महिलाएं और 425 बालिकाएं गुमशुदा हुईं. इस साल पुलिस ने 1,553 महिलाओं और 417 बालिकाओं को ढूंढ लिया. 79 महिलाएं और 8 बालिकाएं नहीं ढूंढी जा सकीं.
साल 2023 में 1,764 महिलाएं और 716 बालिकाएं गुमशुदा हुईं. इस साल 1,689 महिलाओं और 707 बालिकाओं को पुलिस ने ढूंढने में सफलता पाई. 75 महिलाएं और 9 बालिकाएं गुमशुदा ही रहीं. साल 2024 में 1,953 महिलाएं और 838 बालिकाएं गुमशुदा हुईं. इस साल 1,800 महिलाएं और 813 बालिकाएं ढूंढ ली गईं. आज भी 153 महिलाएं और 25 बालिकाएं गुमशुदा हैं.
इस साल यानी 2025 के जून तक की बात करें तो 6 महीने के दौरान 904 महिलाएं और 370 बालिकाएं गुमशुदा हो चुकी हैं. इनमें से 631 महिलाओं और 293 बालिकाओं को ढूंढा जा चुका है. आज भी 273 महिलाएं और 77 बालिकाओं का कुछ अता-पता नहीं है.
उत्तराखंड पुलिस के मुख्य प्रवक्ता ने क्या कहा: इस पूरे मामले पर उत्तराखंड पुलिस के मुख्य प्रवक्ता आईपीएस अधिकारी नीलेश आनंद भरणे से जब हमने सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि-
गुमशुदा महिलाओं की तलाश पुलिस के लिए पहली बड़ी प्राथमिकता है. इसमें भी नाबालिग की तलाश पुलिस पर पहला फोकस होता है. गुमशुदा महिलाओं के तलाश की अगर बात की जाए तो इस पर लगातार उत्तराखंड पुलिस द्वारा अभियान चलाया जा रहा है. बड़े पैमाने पर पुलिस ने पिछले कुछ समय में गुमशुदाओं को ढूंढा है.
उत्तराखंड पुलिस के मुख्य प्रवक्ता नीलेश आनंद भरणे के मुताबित पुलिस ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) को मिसिंग गर्ल्स और माइनर्स गर्ल्स के पड़ताल के लिए लगाया गया है. मिसिंग स्क्वाड और महिला स्क्वाड इसके लिए अलग से कम कर रहे हैं. इसमें यह भी पता लगाने का प्रयास किया जाता है कि क्या यह मिसिंग किसी संगठित अपराध का हिस्सा हैं, या फिर किसी गैंग द्वारा इस तरह की चीज की जा रही है. इन सब पहलुओं पर जांच की जाती है.
भरणे ने बताया कि पुलिस मुख्यालय द्वारा एक बड़े कार्यक्रम में रिकवर किए गए मिसिंग मामलों में तमाम पीड़ितों और उनके परिवारों को बुलाया गया था. इसमें पीड़ितों को मिली राहत पर पुलिस का आभार जताया गया.
5 साल में मिले 318 अज्ञात शव, केवल 87 की शिनाख्त: उत्तराखंड में महिला अपराध को बढ़ावा देने वाले अज्ञात शवों की कहानी भी कुछ इस कदर ही खराब है. उत्तराखंड अपराधियों के लिए हमेशा से एक मुफीद स्टेट रहा है. दूसरे राज्यों के कई बड़े अपराधी उत्तराखंड में आकर अपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं. इसकी तस्दीक पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी किए गए आंकड़े खुद कर रहे हैं. उत्तराखंड में पिछले 5 सालों में 318 अज्ञात महिला शव प्राप्त हुए. इनमें से मात्र 87 शवों की शिनाख्त हो पाई. 231 शवों की आज तक कोई शिनाख्त नहीं हो पाई है.
अज्ञात महिलाओं के शवों की गुत्थी भी पुलिस के लिए परेशानी का सबब (ETV Bharat Graphics)
साल 2021 में 74 अज्ञात महिला शव प्राप्त हुए. इनमें से केवल 27 की ही शिनाख्त हो पाई. 47 शवों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है. साल 2022 में 50 अज्ञात महिला शव मिले थे. इनमें से केवल 17 की ही शिनाख्त हो पाई, 33 अज्ञात रह गए. साल 2023 में 77 अज्ञात महिला शव मिले, इनमें से 18 की शिनाख्त हुई और 59 की शिनाख्त नहीं हो पाई.
साल 2024 में 88 महिलाओं के शव मिले जो अज्ञात बताए गए. इनमें से केवल 19 की शिनाख्त हुई और 69 शवों का आज तक कुछ पता नहीं चला. इस साल 2025 में अभी जून महीने तक 29 अज्ञात महिला शव मिल चुके हैं. इनमें से केवल 6 की शिनाख्त हुई है और 23 आज भी अज्ञात हैं.
(साभार: – नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) रिपोर्ट)