मुर्शिदाबाद में धधकी हिंसा के तार बांग्लादेश से जुड़े
BSF की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन कानून के विरुद्ध आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. खुफिया रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि हिंसा में बांग्लादेशी कट्टरपंथी ‘शामिल’ थे, जिन्हें कथित तौर पर एक राजनीतिक दल के स्थानीय नेताओं की मदद मिली थी.
सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी पीटीआई ने रिपोर्ट का हवाला दिया, बताया कि बांग्लादेश स्थित दो कट्टरपंथी संगठनों- जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के सदस्य कथित तौर पर मुर्शिदाबाद हिंसा में शामिल थे. इस हिंसा में तीन लोग मारे गए थे.
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून, 2025 के विरोध में हुई हिंसा को लेकर सीमा सुरक्षा बल ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया हैं. बीएसएफ की इंटेलिजेंस रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन स्लीपर सेल की मदद से पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून विरोधी आंदोलन को भड़काने में शामिल हो सकते हैं.
बीएसएफ की खुफिया रिपोर्ट में बांग्लादेश के दो कट्टरपंथी संगठनों, जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में अशांति के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.
बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश को भारत ने पहले आतंकी संगठन घोषित कर उस पर प्रतिबंध लगा रखा है. हालांकि, बांग्लादेश में भी इस संगठन पर पहले बैन लगा था, लेकिन बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद इस प्रतिबंधित संगठन पर से बैन हटा दिया गया. इसके अलावा बांग्लादेश के विभिन्न जेलों में बंद जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) संगठन के सभी नेताओं को भी रिहा कर दिया गया.
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय मुर्शिदाबाद की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है, जहां शांति बहाल करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य पुलिस के साथ केंद्रीय बलों को तैनात किया गया है. भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को भी कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है, ताकि पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ न हो सके.
अधिकारियों ने बताया कि जंगीपुर, धुलियान, सुती और शमशेरगंज में बीएसएफ, सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल), राज्य पुलिस और आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) के जवानों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया है. अधिकारियों के अनुसार, हालांकि पिछले 48 घंटों में हिंसा की कोई नई घटना सामने नहीं आई है. राज्य पुलिस ने बताया कि मुर्शिदाबाद के दंगा प्रभावित इलाकों में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, दुकानें फिर से खुल रही हैं और विस्थापित परिवार अपने घरों को लौटने लगे हैं.