पहलगाम हमले के बाद गुलाम नबी आजाद का बड़ा बयान
ये हमला पाक आर्मी स्पॉन्सर्ड हमला था

श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) : जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पहलगाम हमला जब हुआ, तो हमले के पहले पाकिस्तानी आर्मी के चीफ ने बयान दिया, उसने जो कहा, वो तोड़ने वाला था. खतरनाक बयान था. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश में विपक्ष की तरफ से सवाल उठाए जा रहे हैं. हालांकि एक्शन को लेकर विपक्षी पार्टियों का कहना है कि वो सरकार के साथ है.
इसको लेकर जब कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को इस समय बयानबाजी से बचना चाहिए, हमारे दुश्मनों को फायदा उठाने का कोई मौका नहीं देना चाहिए.
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने हमले को लेकर पाकिस्तानी आर्मी चीफ असीम मुनीर पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के इतिहास का सबसे खराब आर्मी चीफ है.
उन्होंने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, ”ये (पहलगाम हमला) जब हुआ, तो हमले के पहले पाकिस्तानी आर्मी के चीफ ने बयान दिया, उसने जो कहा, वो तोड़ने वाला था. खतरनाक बयान था, जिस तरीके से उसने धर्म को बांटने की कोशिश की और कहा कि हिंदू और मुस्लिम अलग होते हैं. यह कंफर्म करता है कि यह पाक आर्मी स्पॉन्सर्ड पहलगाम में हमला था. जो आतंकियों ने धर्म पूछकर मारा, वही आर्मी चीफ ने कहा. पहली बार पाकिस्तान का इतना खराब आर्मी चीफ है.”
पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ”हमेशा नेताओं के कहने पर लोग सड़कों पर उतरते थे, पहली बार हमने देखा कि लोगों ने खुद पहल की, लोग सड़कों पर निकले, धार्मिक जगहों पर आतंकवादियों को कोसते रहे, गालियां देते रहे. 26 लोगों के प्रति सहानुभूति दिखाई.”
उन्होंने कहा, ”जम्मू-कश्मीर में मुसलमानों में पहली बार आतंकियों के खिलाफ इस तरह का माहौल देखा. मैंने 75 साल की उम्र में नहीं देखी. कोई गली नहीं थी, कोई गांव ऐसा नहीं था, जहां हमले के खिलाफ मातम नहीं था. आठ दिन बाद भी आज मातम है, लोग इसकी निंदा कर रहे हैं. आतंकियों के प्रति जम्मू-कश्मीर में कोई सहानुभूति नहीं है. अगर होगा भी तो पहलगाम के हमले के बाद ये सहानुभूति खत्म हो गई.”