हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ : बहराइच के गाजी दरगाह पर मेला को अनुमति नहीं

बहराइच मेले के निर्णय में फिलहाल दखल नहीं

लखनऊ : बहराइच के सालार मसूद गाजी की दरगाह पर लगने वाले मेले पर लगी रोक जारी रहेगी। मेला प्रबंध समिति की ओर दायर यायिका में शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई, जहां कोर्ट ने मेला समिति को मेला आयोजन की इजाजत नहीं दी है। मेले के आयोजन को लेकर जिला प्रशासन की ओर से लगाई गई रोक जारी रहेगी।

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में बहराइच के सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर सालाना लगने वाले उर्स जिसे जेठ मेला भी कहा जाता है, को जिलाधिकारी के अनुमति न देने के आदेश में हस्तक्षेप से फिलहाल इंकार कर दिया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि दरगाह में पारंपरिक क्रियाकलाप चलते रहेंगे। राज्य सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर ध्यान देगी व संबंध में कमेटी का सहयोग लेगी। न्यायालय ने उक्त विवाद पर अपना निर्णय भी सुरक्षित कर लिया है जिसे बाद में सुनाया जाएगा।

न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की विशेष खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश बहराइच की दरगाह शरीफ प्रबंध समिति की ओर से इसके चेयरमैन समेत छह लोगों की जनहित याचिका को सुनने के बाद दिया। याचियों की ओर से कहा गया था कि गाजी मियां का जेठ मेला 18 मई से शुरू हो रहा है, इसलिए मामले की जल्द सुनवाई की जाए। इसको देखते हुए मुख्य न्यायमूर्ति ने मामले की अर्जेंट सुनवाई के लिए शनिवार को यह विशेष खंडपीठ गठित की थी।

हाई कोर्ट ने यह भी तर्क दिया गया कि प्रशासन की कानून-व्यवस्था को लेकर की चिंताएं उचित हैं और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना प्रशासन का ही कर्तव्य है। न्यायालय ने उपरोक्त अंतरिम आदेश राज्य सरकार की ओर से पेश अपर महाधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी की सहमति पर पारित किया। राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थाई अधिवक्ता (सीएससी) शैलेंद्र कुमार सिंह ने याचिका का विरोध किया। याचियों की ओर से उनके अधिवक्ता डा एलपी मिश्र ने मेला आयोजन की अनुमति देने की दलीलें दीं।

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