कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने सपा पर निशाना
अजय राय के बाद इमरान मसूद ने भी साधा निशाना

लखनऊ : लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-सपा गठबंधन के परिणाम भले ही उनके पक्ष में रहे हों पर दोनों ही दल अपनी सियासी जमीन को बांटना नहीं चाहते। प्रदेश में साढ़े तीन दशक से हाशिये पर चल रही कांग्रेस बूथ स्तर तक अपने संगठन को खड़ा करने का प्रयास कर रही है और इसके लिए सपा पर हमलावर होकर अपने कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच चली खींचतान के दौरान पार्टी का एक धड़ा अकेले ही चुनाव मैदान में उतरने का पक्षधर था। लगभग आधा दर्जन सीटों पर दावेदारी छूटने से कांग्रेसियों में नाराजगी भी थी। पार्टी अब संगठन सृजन के दौरान उस खटास को दूर रखकर प्रदेश में अकेले दम पंचायत और फिर विधानसभा चुनाव लड़ने के दावे रणनीति के तहत कर रही है। इसके पीछे एक मकसद सपा पर दबाव बढ़ाने की राजनीति के रूप में भी देखा जा रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने एक दिन पूर्व वाराणसी में घोषणा की पार्टी त्रिस्तीय पंचायत चुनाव अकेले दम लड़ेगी। इससे पूर्व पार्टी की बैठकों में वह पदाधिकारियों को आने वाले विधानसभा चुनाव में सभी 403 सीटों पर तैयारी करने का संदेश दे चुके हैं। पहले भी राय अलग-अलग मुद्ददों पर सपा को घेरते रहे हैं। सांसद इमरान मसूद के बयान ने पार्टी के इस एजेंडो को और धार दी है।
मसूद ने कहा कि कांग्रेस कोई भिखारी नहीं है, जो सपा से सीट मांगेगी। साफ है कि कांग्रेस एक खास वर्ग को भी अलग संदेश देने का प्रयास कर रही है, जिस पर सपा की पकड़ अच्छी रही है। मुस्लिम वोट बैंक के साथ ही कांग्रेस पिछड़ों व वंचित समाज को भी अपने साथ जोड़ने के लिए जिला से लेकर बूथ स्तर तक की कमेटियों में अधिक से अधिक साझेदारी देने का प्रयास करेगी।
संगठन सृजन में पार्टी का फोकस पदाधिकारियों की संख्या बढ़ाने के साथ ही हर बूथ स्तर पर दो एजेंट नियुक्त करने पर है। 17 मई को प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने संगठन सृजन कार्यशाला में पदाधिकारियों को 100 दिनों की तय कार्ययोजना के तहत कदम बढ़ाने का निर्देश दिया था।
पार्टी जिला, ब्लाक, मंडल, न्याय पंचायत व बूथ तक पांच स्तरों पर संगठन सृजन किया जाना है। प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि कांग्रेस नए सिरे से संगठन खड़ा कर सभी 403 विधानसभा सीटों पर अपनी तैयारी करेगी।