हरिद्वारः विधायक को सीबीआई कोर्ट से 6 महीने की सजा

उनकी भतीजी को भी सजा का ऐलान, गलत तरीके से हिरासत का केस

हरिद्वार: रानीपुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक आदेश चौहान और उनकी भतीजी दीपिका सिंह को सीबीआई की विशेष अदालत ने छह महीने की सजा सुनाई है। यह सजा वर्ष 2009 में दीपिका सिंह के ससुर धीर सिंह चौहान को गंगनहर थाने में अवैध रूप से हिरासत में लेने के मामले में सुनाई गई। उन्हें एक झूठे दहेज उत्पीड़न केस में फंसाने के लिए पुलिस हिरासत में लिया गया था।

सीबीआई विशेष कोर्ट के जज सुरेंद्र सिंह भंडारी ने मामले में दोनों के अलावा तीन पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी सजा का ऐलान किया। कोर्ट की ओर से सजा के ऐलान के बाद एमएलए ने कहा कि हम कोर्ट के आदेश की पहले समीक्षा करेंगे। इसके बाद इस आदेश को लेकर आगे के कानूनी उपायों पर विचार करेंगे।

हरिद्वार में सीबीआई कोर्ट ने यह फैसला सोमवार को सुनाया। मामले में दोषियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आदेश चौहान और दीपिका के अलावा इस मामले में तीन पुलिस अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया था। इसमें गंगनहर थाने तत्कालीन थानाध्यक्ष आरके चमोली और एसआई दिनेश कुमार और राजेंद्र सिंह रौतेला शामिल हैं। इनमें से दिनेश कुमार अब भी पुलिस सेवा में हैं, जबकि राजेंद्र सिंह रौतेला रिटायर हो चुके हैं। वहीं, ट्रायल के दौरान आरके चमोली की मौत हो चुकी है।

सीबीआई के विशेष अभियोजक राम कुमार ने बताया कि जून 2009 में आदेश चौहान ने चुनावी चंदे के लिए धीर सिंह चौहान से 5 लाख रुपये मांगे थे। उन्होंने पैसे देने से इनकार कर दिया। इसके बाद आदेश चौहान ने दीपिका सिंह के जरिए उन्हें गंगनहर थाने बुलवाकर हिरासत में रखवाया। बाद में उनके खिलाफ झूठा दहेज उत्पीड़न केस दर्ज कराया गया। इस कारण उन्हें हवालात में रहना पड़ा।

कस्टडी से बाहर आने के बाद धीर सिंह चौहान ने मामले की जांच के लिए कई जगहों पर शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की। धीर सिंह चौहान ने न्याय की मांग करते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट और फिर सीबीआई का रुख किया था, जिसके बाद यह मामला सीबीआई को सौंपा गया।

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पुलिस के स्तर पर जांच के भेदभावपूर्ण होने की स्थिति को देखते हुए वर्ष 2019 में सीबीआई को जांच सौंपी। सीबीआई की जांच में इस केस को झूठा और फर्जी पाया गया। सीबीआई जांच के अनुसार, धीर सिंह चौहान को 2 दिन तक बिना किसी चार्ज के थाने में रखा गया था। उन पर आईपीसी की धारा 385 (जबरदस्ती धन ऐंठना), 342 (गलत तरीके से बंदी बनाना), 506 (आपराधिक धमकी) और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज किया गया।

सीबीआई जांच के बाद कोर्ट ने पाया कि चौहान और दीपिका सिंह ने पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से इस पूरे षड्यंत्र को अंजाम दिया था। कोर्ट ने इस केस को गंभीरता से लेते हुए सभी दोषियों को छह महीने की सजा सुनाई। साथ ही, दहेज उत्पीड़न का केस अवैध करार देते हुए निरस्त कर दिया। धीर सिंह चौहान को आखिरकार 15 साल बाद इस मामले में न्याय मिला है।

आदेश सिंह चौहान लगातार तीन बार से भेल रानीपुर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए हैं। 2012 में वे पहली बार इस सीट से विधायक बने थे। इसके बाद 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में उन्हें सफलता मिली। उनका जन्म 6 अप्रैल 1969 को हुआ था। 56 वर्षीय आदेश चौहान अब सीबीआई कोर्ट के आदेश के कारण चर्चा में हैं।

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