उत्‍तराखंड में 15 दिन में मानसून की दस्तक

मानसून से पहले सड़क की सुरक्षा कार्य पूरा होने की आशंका

हल्द्वानी/देहरादून: पिछले वर्ष सितंबर में आई आपदा के दौरान गौलापार-चोरगलिया मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ था। इस जगह पर लोक निर्माण विभाग सड़क चौड़ीकरण का कार्य कर रहा है। वहीं, गौला के बहाव से सड़क को बचाने के लिए सिंचाई विभाग को बाढ़ सुरक्षा कार्य करना था, लेकिन इसके लिए अब तक शासन से बजट नहीं मिला। ऐसे में अब लोनिवि यहां सुरक्षा कार्य करने जा रहा है।
इसके लिए आपदा मद से एक करोड़ 80 लाख के बजट की मांग के साथ टेंडर भी जारी किए हैं।

लोक निर्माण विभाग चोरगलिया क्षतिग्रस्त मार्ग पर 1.48 करोड़ से सड़क बना रहा है। ऐसे में रेलवे क्रासिंग से लेकर गौलापुल क्षतिग्रस्त मार्ग तक 10 मीटर सड़क चौड़ी हो जाएगी। इससे गौलापार, चोरगलिया, सितारगंज आदि जगह जाने के लिए लोगों को काफी राहत मिलेगी। वहीं गौला नदी के कटाव से बचाने के लिए सिंचाई विभाग ने सुरक्षा दीवार नहीं बनाई है। अगर गौला नदी में रिटेनिंग वाल नहीं बनी, तो पिछली बार की तरह बहाव तेज होने पर सड़क का और बड़ा हिस्सा आ सकता हैं।

मानसून में बढ़ती है समस्या: केरल में 24 मई को मानसून ने दस्तक दी थी, और अगले 10 से 15 दिनों के बीच में उत्तराखंड में भी मानसून पहुंच जाएगा. राज्य के लिए यह स्थिति चुनौती पूर्ण इसलिए भी है क्योंकि मई महीने में ही बारिश काफी ज्यादा हो रही है और अब तक इस महीने 86% बारिश सामान्य से ज्यादा हो चुकी है. वैसे तो सरकार के लिए ज्यादा चिंता पर्वतीय जिलों को लेकर होती है, लेकिन मैदानी जिलों के शहर जलभराव को लेकर स्थानीय निकायों की चिंता बने रहते हैं.

इन इलाकों में होता है जलभराव: देहरादून में ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां हर साल जल भराव की स्थितियां बनती हैं और नगर निगम ने भी इन क्षेत्रों को जलभराव की दृष्टि से चिन्हित किया हुआ है. जल भराव को लेकर देहरादून नगर निगम की सूची को देखें तो कुल 74 ऐसे इलाके है जहां पानी के भरने से लोगों को दिक्कतें आती हैं. मुख्य रूप से देखे तो इसमें चंद्रबनी का इलाका, टाइटन रोड मोहब्बेवाला, संजय कॉलोनी का रिस्पना पुल से लगता हुआ क्षेत्र, बंजारावाला में भागीरथ पुरम मुस्लिम बस्ती, मोथरोवाला विष्णु पुरम, नेहरू ग्राम में गणेश एनक्लेव क्षेत्र, साकेत कॉलोनी रेवती नर्सिंग होम के पास पानी भरता है.

जलभराव से लोग रहते हैं परेशान: इसके साथ ही कोचर कॉलोनी जाखन, हरीपुर नवादा, आजाद विहार बंजारा वाला, ऋषि विहार क्षेत्र, कृष्ण विहार, शिमला बायपास रोड पित्थूवाला, देहरा खास बेसमेंट, टर्नर रोड क्षेत्र, अलकनंदा एनक्लेव, दून अस्पताल के पास का इलाका, टी एस्टेट बंजारा वाला, चंद्रबनी क्षेत्र, कोलागढ़ क्षेत्र, बी ब्लॉक सरस्वती विहार, नत्थनपुर, सेवला कला क्षेत्र, प्रेमपुर माफी और हरवंशवाला क्षेत्र जल भराव से प्रभावित होता है.

जलभराव की स्थिति चिंताजनक: राजधानी देहरादून में नदी के किनारे वाले क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति काफी चिंताजनक रहती है, इसकी वजह यह भी है की नदी में तेज बारिश के दौरान पानी की मात्रा बढ़ जाती है और यह नदी से बाहर बस्तियों तक पहुंच जाता है. इसके लिए नगर निगम देहरादून पिछले दो हफ्तों से नदी के बीच के क्षेत्र में मैटेरियल को जेसीबी से निकालने की बात कह रहा है. देहरादून में नदियों के किनारे वाले इलाकों में जलभराव की समस्या बेहद ज्यादा होती है लेकिन कई कॉलोनियां भी इससे प्रभावित होती हैं जो की नदियों के किनारे तो नहीं है लेकिन यहां की भौगोलिक स्थिति के चलते ही यहां पानी इकट्ठा होता है.

सड़कों पर काम समय से पूरा करने के निर्देश: शहर में कई सड़कों के विकास कार्यों के कारण खुदे होने के चलते भी मानसून के दौरान लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. दरअसल देहरादून में कई जगह सिविल लाइन का काम भी चल रहा है और दूसरे तमाम काम भी हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में मानसून में सड़कों पर पानी भर जाता है और यह बड़ी दुर्घटना की भी वजह बन जाता है. हालांकि नगर निगम मेयर इस बात को लेकर आश्वस्त कर रहे हैं कि उनकी तरफ से अधिकारियों को समय पर यह सड़कें बनाए जाने के लिए कह दिया गया है.

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