राजनाथ सिंह ने INS विक्रांत का किया दौरा, अधिकारियों से मुलाकात
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद नौसेना का मनोबल बढ़ाने के लिए दौरा

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत के दौरे पर हैं। यह दौरा ऑपरेशन सिंदूर की शानदार सफलता के बाद हो रहा है, जिसमें भारतीय नौसेना ने अपनी ताकत और रणनीतिक क्षमता का लोहा मनवाया है। अरब सागर में तैनात INS विक्रांत पर रक्षा मंत्री ने नौसेना के अधिकारियों और जवानों से मुलाकात की है, उनका हौसला बढ़ाया है और ऑपरेशन की सफलता पर चर्चा की है।
आईएनएस विक्रांत का वर्तमान में अरब सागर में तैनात है। यह दौरा भारतीय नौसेना के रणनीतिक कैरियर बैटल ग्रुप, आईएनएस विक्रांत के नेतृत्व में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान निर्णायक भूमिका निभाने के हफ्तों बाद हुआ है। अपनी यात्रा के दौरान, राजनाथ सिंह ने मिशन के परिचालन परिणामों की समीक्षा की और तैनाती का हिस्सा रहे नौसेना कर्मियों से बातचीत की। तनाव कम करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव डालने में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद उनकी यात्रा को बलों के लिए मनोबल बढ़ाने वाला माना जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर: नौसेना की स्थिति में महत्वपूर्ण मोड़
भारतीय नौसेना ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर पूरा किया है, जो उत्तरी अरब सागर में शक्ति का निर्णायक प्रदर्शन था। इस ऑपरेशन के केंद्र में INS विक्रांत था, जिसने 8 से 10 जहाजों के एक मजबूत कैरियर बैटल ग्रुप का नेतृत्व किया, जिसमें स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट और विध्वंसक शामिल थे। अग्रिम मोर्चे पर उनके समन्वित युद्धाभ्यास ने पाकिस्तान को एक मजबूत निवारक संकेत दिया।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में आईएनएस विक्रांत की क्या भूमिका थी?
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना ने अपने कैरियर बैटल ग्रुप के साथ उत्तरी अरब सागर में अग्रिम तैनाती की थी। इस समूह का नेतृत्व INS विक्रांत ने किया था, जिसमें विध्वंसक और स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट जैसे 8 से 10 युद्धपोत शामिल थे। इस तैनाती ने पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया कि अगर उसने तनाव बढ़ाया तो भारतीय नौसेना न केवल उसके युद्धपोतों को बल्कि जमीनी ठिकानों को भी निशाना बना सकती है। नतीजतन, पाकिस्तानी नौसेना कराची नौसैनिक अड्डे से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पाई और युद्धविराम की मांग की।
INS विक्रांत से क्यों डरता है पाकिस्तान?
INS विक्रांत से पाकिस्तान डरता है और यह कोई छिपी हुई बात नहीं है। दरअसल, पाकिस्तान की नौसैनिक ताकत सीमित है और उसके पास 30 से भी कम युद्धपोत हैं। इसके विपरीत, INS विक्रांत अपने कैरियर बैटल ग्रुप के साथ एक शक्तिशाली युद्ध इकाई है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसकी अग्रिम तैनाती ने पाकिस्तानी नौसेना को कराची बंदरगाह छोड़ने से रोक दिया। यह जहाज न केवल समुद्र में युद्धपोतों को निशाना बना सकता है, बल्कि इसके लड़ाकू विमान और मिसाइलें जमीनी ठिकानों पर भी सटीक हमले कर सकती हैं।
राजनाथ सिंह ने INS विक्रांत का दौरा क्यों किया?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न मनाने और नौसेना बलों का मनोबल बढ़ाने के लिए IND विक्रांत का दौरा कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने श्रीनगर में सेना और भुज में वायुसेना के अधिकारियों से मुलाकात की थी। INS विक्रांत पर उनकी मौजूदगी नौसेना की ताकत का संदेश देगी और भारत की रक्षा नीति को और मजबूत करेगी।
INS विक्रांत के बारे
लगभग 20,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित INS विक्रांत को सितंबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। भारतीय नौसेना के इन-हाउस संगठन द्वारा डिज़ाइन किया गया यह युद्धपोत कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा बनाया गया है, जो बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का शिपयार्ड है। और 45,000 टन के इस विमानवाहक पोत में 76 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है।