उत्‍तराखंड की अंकिता के तीनों गुनाहगारों को उम्रकैद

दो साल और आठ महीने तक चली सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से जांच अधिकारी समेत 47 गवाह!

कोटद्वार (उत्‍तराखंड) : नौकरी ज्वाइन किए उसे 20 दिन भी पूरे नहीं हुए थे कि वह 18 सितंबर 2022 को लापता हो गई. घटना की जानकारी मिलने के बाद अंकिता के पिता बीरेंद्र सिंह लगातार तीन दिनों तक पौड़ी, मुनिकीरेती और ऋषिकेश के चक्कर काटते रहे. धरने पर बैठे फिर कहीं जाकर पुलिस हरकत में आई. 24 सितंबर 2022 को चीला नदी से अंकिता भंडारी का शव बरामद हुआ. अंकिता भंडारी की हत्या करके उसका शव चीला की शक्ति नहर में फेंक दिया गया था. इसके बाद अंकिता के माता-पिता ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और आखिर इंसाफ मिला. अंकिता के तीनों गुनाहगारों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है.

उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड में कोटद्वार कोर्ट फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी करार और उम्रकैद की सजा सुनाई है. यह मामला सितंबर 2022 से ही विचाराधीन था. अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अदालत लंबी बहस चली और आखिरकार गुनाहगारों को दोषी करार दे दिया गया है. उत्‍तराखंड के पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक की 19 साल की अंकिता भंडारी की 18 सितंबर 2022 को हत्या कर दी गई थी. वह यमकेश्वर ब्लॉक में ही बने वनतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी. यहीं से वह गायब हो गई थी.

माता-पिता को करना पड़ा लंबा संघर्ष
अंकिता के पिता की आंखों में उनकी बेटी को खोने का गम साफ झलक रहा था. फैसले से ठीक पहले उन्होंने कहा था कि उन्होंने मेरी बेटी को मारा है. इस मामले में उत्तराखंड के लोगों ने उनके साथ दिया है, उसके लिए वह हाथ जोड़कर सभी का अभिनंदन करते हैं. अंकिता की मां ने कहा था कि उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है कि उनकी बेटी को न्याय मिलेगा. पौड़ी जिले के यमकेश्वर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की 18 सितंबर 2022 को कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर हत्या कर दी थी.

अंकिता भंडारी हत्याकांड में क्या-क्या हुआ?
अगस्त 2022: 19 साल की अंकिता भंडारी उत्तराखंड के पौड़ी जिले के यमकेश्वर की रहने वाली थी. 28 अगस्त को अंकिता ने ऋषिकेश के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित वनतरा रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करना शुरू किया.

17–18 सितंबर 2022: 17 सितंबर को अंकिता का रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य से विवाद हो गया था. जिसके बाद उसे एक अलग कमरे में शिफ्ट कर दिया गया. जिसके बाद वो 18 सितंबर को संदिग्ध हालात में गायब हो गई.

19–22 सितंबर 2022: अंकिता के गायब होने के बाद परिवार ने कई पुलिस थानों में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं हो पा रही थी. रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस को अंकिता के लापता होने की सूचना दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस बीच अंकिता का एक ऑडियो भी सामने आया जिसमें वो मदद मांगती हुई सुनाई दे रही थी.

24 सितंबर 2022: अंकिता का शव ऋषिकेश के पास चीला नहर से बरामद हुआ. दावा किया गया कि विवाद के बाद पुलकित ने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया था. पुलिस ने इस मामले में रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके दो सहयोगियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया गया.

अक्टूबर 2022: उत्तराखंड सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया. जिसके बाद आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया.

दिसंबर 2022: SIT ने 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 97 गवाहों के बयान शामिल थे. एसआईटी ने पुलकित आर्य पर हत्या, छेड़छाड़ और अनैतिक तस्करी के आरोप लगाए गए. 30 जनवरी 2023 को मामले की पहली सुनवाई हुई. जिसके बाद पक्ष और विपक्ष की ओर से दलीलों का सिलसिला शुरू हुआ. 28 मार्च 2023 से अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई.

मई 2023: अंकिता के माता-पिता और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अंकिता की हत्या से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया था. इस मामले को लेकर समय-समय पर सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीतिक दलों द्वारा भी विरोध जताया गया.

करीब दो साल आठ महीने चली सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 97 लोगों को गवाह बनाया जिनमें से 47 गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया. 19 मई 2025 को अभियोजन पक्ष के वकील अवनीश नेगी की ओर से बचाव पक्ष दलीलों का जवाब दिया गया जिसके बाद सुनवाई खत्म हुई.

30 मई 2025: कोटद्वार की अदालत ने पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को अंकिता हत्याकांड का दोषी करार दिया और तीनों को आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है.

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