बरेली में 10वीं पास चला रहा था फर्जी आधारकार्ड रैकेट, दो आरोपी गिरफ्तार
केवल 900 रुपये में बना देते थे फर्जी दस्तावेज

बरेली : भोजीपुरा थाने की पुलिस ने फर्जी वेबसाइट के जरिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, जन्म प्रमाण-पत्र ,मृत्यु प्रमाण पत्र सहित तमाम फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. ये लोग जन सुविधा केंद्र के माध्यम से उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली और झारखंड के लोगों के फर्जी प्रणाम प्रमाण पत्र बनाने का काम करते थे.
बरेली के भोजीपुरा में दोनों आरोपी पिछले एक साल से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जाति और आय प्रमाण पत्र बना रहे थे. बरेली के भोजीपुरा थाने की पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि उनके इलाके में ग्राम पचदौरा दोहरिया में अजहरी जनसेवा केंद्र एवं आधार केंद्र पर फर्जी दस्तावेज बनाने का काम पिछले काफी समय से चल रहा है.
जन सुविधा केंद्र की आड़ में बनाए जा रहे थे फर्जी प्रमाण पत्र: भोजीपुरा थाने की पुलिस ने जब टीम के साथ जन सुविधा केंद्र पर छापा मारा, तो वहां पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी वेबसाइट के जरिए फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, स्टांप पेपर सहित तमाम दस्तावेज बनाए जा रहे थे.
पुलिस ने मोहम्मद फहीम और उसके साथी जियाउल मुस्तफा को मौके से गिरफ्तार कर लिया. इनके पास से उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, झारखंड के फर्जी प्रमाण पत्र मिले. पुलिस अधीक्षक उत्तरी मुकेश चंद्र मिश्र ने बताया कि दोनों आरोपी पिछले 1 साल से फर्जी सर्टिफिकेट बना रहे थे.
केवल 900 रुपये में तैयार कर देते थे फर्जी सर्टिफिकेट: पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि फहीम काफी लंबे समय तक बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक की एक शाखा में आधार कार्ड अपडेट करने का काम करता था. वहां अधिक पैसे लेने की शिकायत पर उसे हटा दिया गया था. इसके बाद 2024 में उसने अपने गांव में अजहरी जन सुविधा केंद्र और आधार केंद्र खोल लिया.
यहां वह अपने एक साथी जियाउल मुस्तफा के साथ मिलकर फर्जी वेबसाइट के जरिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, यूपी बोर्ड की हाई स्कूल इंटर की फर्जी मार्कशीट आदि दस्तावेज बनाता था. इसके बदले में वह 800-900 रुपये प्रति प्रमाण पत्र लिया करता था.
650 फर्जी प्रमाण पत्र बना चुका है गैंग: पुलिस अधीक्षक उत्तरी मुकेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों पिछले 1 साल में 650 फर्जी प्रमाण पत्र बनाए थे. यह उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार और झारखंड के लोगों के थे. उनके लैपटॉप से 497 सॉफ्ट फर्जी प्रमाण पत्र भी मिले. इसके अलावा हार्ड कॉपी भी मिली हैं.
उन्होंने बताया कि छापे के दौरान जन सुविधा केंद्र से 20 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, 15 फर्जी निवास प्रमाण पत्र, 5 नकली आय प्रमाण पत्र, 15 स्टांप पेपर, 1 बिहार बोर्ड की हाई स्कूल की फर्जी मार्कशीट, 6 यूपी बोर्ड हाई स्कूल की फर्जी मार्कशीट, 20 नकली आधार कार्ड, दो फर्जी पैन कार्ड, एक वोटर आईडी और प्रिंटिग के उपकरण भी पुलिस ने बरामद किए हैं.
हाईस्कूल और इंटर पास हैं दोनों आरोपी: पुलिस अधीक्षक उतरी मुकेश चंद्र मिश्र ने बताया कि फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया मोहम्मद फहीम हाई स्कूल पास है. वहीं उसका साथी जियाउल मुस्तफा इंटर पास है.
दोनों वेबसाइट के जरिए पिछले 1 साल से फर्जी दस्तावेज बनाकर लाखों रुपये कमा रहे थे. दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया. पुलिस पता लगा रही है कि किन लोगों के फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए हैं.