चारधाम यात्रा से ‘स्वयं सहायता समूहों को बड़ी आमदनी

गंगोत्री और यमुनोत्री राजमार्गों पर 20 से अधिक आउटलेट संचालित

उत्तरकाशी (उत्तराखण्ड) : चारधाम यात्रा स्वयं सहायता समूहों के कारोबार को नई ऊंचाइयां दे रही है। एक माह के यात्रा सीजन में स्वयं सहायता समूहों ने स्थानीय उत्पादों की बिक्री कर करीब 47 लाख रुपये का कारोबार किया है।

इन समूहों की ओर से गंगोत्री व यमुनोत्री मार्ग पर पहाड़ी दालें, अनाज, पिस्यूं लूण, गढ़भोज सहित कुल्हड़ चाय आदि उत्पादों की बिक्री की जा रही है, जिसे तीर्थयात्री खासा पंसद कर खूब खरीदारी कर रहे हैं। ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना (रीप) व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के माध्यम से गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे पर करीब 20 से अधिक स्वयं सहायता समूह अपने आउटलेटों का संचालन कर रहे हैं।

गंगोत्री हाईवे पर जहां नगुण, वीरपुर डुंडा, बड़ेथी, चिन्याली बाजार, हीना पार्किंग, मनेरी झरने, चड़ेथी, गंगनानी, सुक्की, धराली व गंगोत्री धाम में दस से अधिक आउटलेट खोले गए हैं। वहीं, यमुनोत्री मार्ग पर ब्रह्मखाल, तुनाल्का, दोबाटा, खरादी, कुथनौर, जानकीचट्टी व यमुनोत्री धाम में स्थानीय उत्पादों के आउटलेट संचालित किए जा रहे हैं।

अधिकांश आउटलेटों पर ग्रामीण महिलाएं सेब व माल्टे से तैयार जूस, जैम, जैली, चटनी, मसाले, दाले, मंडुवे के बिस्कुट आदि उत्पाद बेच रही हैं। साथ ही पहाड़ी भोजन लाल चावल, राजमा की दाल, मंडुवे की रोटी आदि गढ़भोज भी परोस रहे हैं।

ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के जिला परियोजना अधिकारी कपिल उपाध्याय का कहना है कि तीर्थयात्री स्थानीय उत्पादों खासा पसंद कर रहे हैं। हीना पार्किंग, दोबाटा व मनेरी झरने पर स्थानीय उत्पादों की खरीदारी को तीर्थयात्रियों की खासी भीड़ उमड़ रही है। इससे एक महीने में ही 20 से अधिक स्वयं सहायता समूहों ने 47 लाख रुपये के कारोबार का आंकड़ा छुआ है।

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