उत्तराखंडः भारत-चीन सीमा से सटे घरों तक ग्रिड आधारित बिजली आपूर्ति की तैयारी

सीमावर्ती गांवों के 882 घर और आईटीबीपी के 43 आउटपोस्ट होंगे रोशन

देहरादून : सीमावर्ती आठ गांवों के 882 घरों में जल्द ही उजियारा होगा। वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत चयनित इन गांवों में बिजली पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके साथ ही भारत-चीन सीमा से सटे आईटीबीपी के 43 आउटपोस्ट भी रोशन होंगे।

यूपीसीएल ने केंद्र सरकार की बार्डर आउट पोस्ट योजना (बीओपी) और वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (वीवीपी) के अन्तर्गत भारत-चीन सीमा से सटे अत्यंत दुर्गम और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों तक बिजली पहुंचाने के लिए कार्ययोजना तैयार की है। पिथौरागढ़, उत्तरकाशी व चमोली के भारत-चीन सीमा से सटे कुल 43 आईटीबीपी आउटपोस्ट व वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत चिह्नित कुल आठ सीमावर्ती गांव के 882 घरों तक ग्रिड आधारित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के कार्यों की निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

आईटीबीपी चौकियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत उत्तरकाशी जिले का पुराली गांव व पिथौरागढ़ के नवी, कुट्टी, गूंजी, गरबयांग, शीला, बलिंग एवं तिडांग गांव के कुल 882 घरों को ग्रिड पहुंचाने के लिए चिन्हित किया गया है। सर्वेक्षण कार्य प्रगति पर है, जिसमें तकनीकी आकलन, लाइन रूट निर्धारण, पोल लोकेशन, परिवर्तक प्लानिंग एवं अन्य बुनियादी तैयारियां की जा रही हैं।

इन पहाड़ी इलाकों में मौसम की विषम परिस्थितियां और सीमित पहुंच होने बावजूद, यूपीसीएल क्षेत्रीय दलों की ओर से युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में यह दोनों योजनाएं राष्ट्रीय सुरक्षा एवं ग्रामीण सशक्तिकरण की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

सीमा से लगे क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता से अब न केवल आईटीबीपी चौकियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय नागरिकों को भी शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार तथा डिजिटल कनेक्टिविटी जैसी सुविधाओं से जोड़ा जा सकेगा।

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