योगी सरकार की अपराध और अपराधी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति
आठ वर्ष में 234 दुर्दांत अपराधियों को किया ढेर, मेरठ जोन पहले स्थान पर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले आठ वर्षों में अपराध और अपराधियों के खिलाफ अपनी “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 234 दुर्दांत अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया है. इस दौरान कुल 14,741 पुलिस मुठभेड़ें हुईं, जिनमें 30,293 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और 9,202 अपराधी घायल हुए. इन अभियानों में 18 पुलिसकर्मी शहीद हुए, जबकि 1,700 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
डीजीपी राजीव कृष्णा ने बताया कि प्रदेश में सबसे अधिक मुठभेड़ मेरठ जोन में हुईं, जहां पुलिस ने 4,183 कार्रवाई की। कार्रवाई में 7,871 अपराधी दबोचे गये जबकि 2,839 अपराधियों को घायल हुए। 77 कुख्यात अपराधियों को मौके पर ही मार गिराया गया। मेरठ जोन की मुठभेड़ में 2,839 अपराधी घायल हुए। 452 पुलिसकर्मी घायल हुए जबकि अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए दो पुलिसकर्मी बलिदानी हो गये। एनकाउंटर कार्रवाई में प्रदेश में मेरठ जोन पहले स्थान पर रहा है।
वाराणसी जोन में 1,041 मुठभेड़ में 2,009 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया जबकि 26 को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। इस दौरान 605 अपराधी और 96 पुलिसकर्मी घायल हुए। प्रदेश में वाराणसी जोन एनकाउंटर कार्रवाई में दूसरे स्थान पर है। एनकाउंटर कार्रवाई में आगरा जोन तीसरे स्थान पर है। यहां 2,288 एनकाउंटर की कार्रवाई की गईं, जिनमें 5,496 अपराधियों को दबोचा गया। इस दौरान 715 अपराधी घायल हुए जबकि 19 अपराध मार गिराए गए। मुठभेड़ के दौरान 56 पुलिसकर्मी घायल हुए।
डीजीपी ने बताया कि लखनऊ में 790 मुठभेड़ के दौरान 15 दुर्दांत अपराधियों को मारा गया। प्रयागराज में 506 मुठभेड़ के दौरान दस अपराधी मारे गए। बरेली ज़ोन में 1,962 मुठभेड़ों में 15, कानपुर जोन में 657 मुठभेड़ों में 11 और गोरखपुर जोन में 594 मुठभेड़ों में 8 अपराधियों को मारा गया।
लखनऊ कमिश्नरी में 126 मुठभेड़ों में 11, गौतमबुद्ध नगर में 1,035 मुठभेड़ों में 9, कानपुर कमिश्नरी में 221 मुठभेड़ों में 4, वाराणसी कमिश्नरी में 118 मुठभेड़ों में 7, आगरा कमिश्नरी में 426 मुठभेड़ों में 7 और प्रयागराज कमिश्नरी में 126 मुठभेड़ों में 5 अपराधियों को ढेर किया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में यूपी पुलिस ने अपराधी या तो जेल में होगा या प्रदेश से बाहर के मंत्र को धरातल पर उतारा। इससे अपराधियों में भय और आम जनता में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। यही वजह है कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था की सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। योगी सरकार की नीति के तहत पुलिस ने संगठित अपराध, माफियागीरी और अवैध वसूली पर सख्त प्रहार किया है।
मुठभेड़ों के साथ ही संपत्ति कुर्की, गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई और एनएसए जैसे कानूनों के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत अपराधियों के खिलाफ चला यह आठ वर्षीय अभियान न सिर्फ आंकड़ों में बल्कि जमीनी हकीकत में भी कानून का राज स्थापित करने में सफल रहा है।
पुलिस की त्वरित, कठोर और साहसिक कार्रवाई ने अपराधियों को प्रदेश छोड़ने पर मजबूर कर दिया है और उत्तर प्रदेश अब भयमुक्त और सुरक्षित राज्य के रूप में अपनी पहचान को सशक्त कर रहा है।