उत्तराखंड ने राष्ट्रपति से लेकर ग्रामीण तक दिखाया योग का अद्भुत संगम
अपनी पहली योग की वैश्विक राजधानी बनने के लिए कृतसंकल्प

देहरादून : उत्तराखंड ने 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को उत्साह और भव्यता से मनाया गया। भराड़ीसैण की ठंडी हवाओं से लेकर केदारनाथ की दिव्यता तक, हर कोना योगमय नजर आया। राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री समेत प्रदेशभर के जनमानस ने योग के माध्यम से स्वस्थ जीवन, संतुलित मन और सशक्त भारत का संदेश दिया।
राष्ट्रपति मुर्मू देहरादून में योग करती नजर आईं
देहरादून पुलिस लाइन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल गुरमीत सिंह और मंत्री सुबोध उनियाल ने सामूहिक योग किया। राष्ट्रपति की उपस्थिति में कार्यक्रम भव्य और प्रेरणास्पद रहा। सीएम धामी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि योग भारत की गौरवशाली परंपरा का अमूल्य उपहार है, जो शरीर और मन दोनों को सुदृढ़ करता है।
योग का अर्थ जोड़ना है: राष्ट्रपति मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कार्यक्रम को संबोधित भी किया। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि, 2015 से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विश्व के अधिकांश देशों में योगाभ्यास के आयोजन हो रहे हैं। राष्ट्रपति ने आगे कहा कि, “योग का अर्थ जोड़ना है। योग का अभ्यास व्यक्ति के शरीर, मन और आत्मा को जानना है और स्वस्थ बनाता है। इसी तरह एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से, एक समुदाय को दूसरे समुदाय से और एक देश को दूसरे देश से जोड़ने का काम भी कर रहा है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम- ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ रखी गई है।”
केदारनाथ-बदरीनाथ गौचर, गोपेश्वर…हर स्थान बना योगस्थली
केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों और श्रद्धालुओं ने प्राचीन ऊर्जा के बीच योग किया। गौचर मेला मैदान में लोक कल्याण सेवा समिति ने भव्य आयोजन किया। वहीं गोपेश्वर पीजी कॉलेज में नमामि गंगे योजना के तहत छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय लोगों ने सामूहिक योग किया। बदरीनाथ में भी योगाभ्यास किया गया।
नई टिहरी में विधायक किशोर उपाध्याय और डीएम नितिका खंडेलवाल की उपस्थिति में राजकीय प्रताप इंटर कॉलेज बौराड़ी में योग शिविर आयोजित हुआ। डोईवाला के ग्रामीण क्षेत्रों और प्रेमनगर बाजार में भी योग कार्यक्रम हुए जहाँ योगाचार्यों ने लोगों को योग का महत्व बताया और विभिन्न योग मुद्राओं का अभ्यास कराया।
विदेशी भी सीख रहे अंजलि से योग के गुर
विकासखंड के खगेली गांव की अंजलि कुंवर (28) योग को देश के साथ विदेशों में भी पहचान दिला रही हैं। अंजलि हर दिन ऑनलाइन 30 से अधिक विदेशी लोगों को योगाभ्यास कराती हैं। साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों से 100 से अधिक लोग प्रतिदिन ऑनलाइन अलग-अलग बैच में योग प्रशिक्षण लेते हैं।
अब अंजलि को योग शिक्षिका प्रतिवर्ष 50 हजार रु की छात्रवृत्ति विदेशों से भी अंजलि तक पहुंच रही है। ब्लॉक कर्णप्रयाग की अंजलि कुंवर हर रोज ऑनलाइन देश और विदेश के लोगों को योगशाला में अलग-अलग बैच में 130 से अधिक लोगों को हर दिन योग का प्रशिक्षण दे रही हैं। अंजलि के साथ हर रोज सिंगापुर, कनाडा, यूनाइटेड स्टेट, इंडोनेशिया, लंदन आदि देशों के लोग प्रत्येक घंटे घंटा योगशाला से जुड़ते हैं।