17 जुलाई 2015: दो भाइयों की गोली मारकर हत्या, सिर काटकर यमुना में फेंके

माफिया अमरपाल लुहारा समेत चार दोषी, 30 जून को सुनाई जाएगी सजा

मेरठ/बागपत (UP) : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी द्वितीय नीरु शर्मा ने लुहारा गांव में वर्ष 2015 में दो सगे भाइयों पप्पू और विकास उर्फ विक्की की गर्दन काटकर हत्या करने वाले प्रदेश स्तरीय माफिया अमरपाल लुहारा उर्फ कालू समेत चार को दोषी करार दिया। इसमें चार हत्यारोपियों की मौत हो चुकी है। सजा पर सुनवाई 30 जून को होगी।

लुहारा गांव निवासी तिरसपाल ने 17 जुलाई 2015 को छपरौली थाने में अपने भाई पप्पू और विकास की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। उसने बताया था कि बदरखा गांव के यमुना घाट पर गर्दन कटे दो युवकों के शव पड़े मिले। उसने वहां जाकर दोनों की पहचान कपड़े व सामान के आधार पर अपने भाई विकास और पप्पू के रूप में की।

तिरसपाल ने बताया कि 15 जुलाई को उसके दोनों भाइयों को गांव का ही अमरपाल उर्फ कालू, उसके भाई नरेश, सुरेश, वीरसैन, शास्त्री उर्फ धर्मदत्त, अरविंद और राजपाल कोल्हू से अपने साथ ले गए। इनके साथ पुरानी रंजिश चल रही है। पुरानी रंजिश में अमरपाल उर्फ कालू ने अपने साथियों के साथ मिलकर दोनों की गोली मारकर और गर्दन काटकर हत्या कर दी।

कपड़े में लपेटकर यमुना में फेंक दिए थे दोनों के सिर
लुहारा गांव में विकास और पप्पू की हत्या वीभत्स तरीके से की गई थी। इनको पहले गोली मारी गई थी और इसके बाद गर्दन से काटकर सिर को धड़ से अलग कर दिया गया था। अमरपाल लुहारा ने पुलिस पूछताछ में अपने साथियों के नाम बताने के साथ ही यह बताया था कि विकास और पप्पू के सिर कपड़े में लपेटकर यमुना नदी में फेंक दिए थे। इसके बाद यमुना का जलस्तर कम होने पर पुलिस ने दोनों के सिर तलाश किए, लेकिन कुछ पता नहीं चला।

पुलिस की जांच में कई आरोपियों के नाम प्रकाश में आए। इसमें पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके बाद हत्यारोपी अमरपाल उर्फ कालू, धर्मदत्त शस्त्री, वीरसैन, नरेश, सुरेश, अरविंद, मुशर्रफ, संजीव पकौड़ी, नीटू के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। सुनवाई के दौरान नरेश, सुरेश और अरविंद की मौत हो गई, जबकि संजीव उर्फ पकौड़ी निवासी सरूरपुर खुर्द जिला मेरठ की पुलिस के साथ मुठभेड़ में गोली लगने से सरधना में मौत हो गई थी।

बुधवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी द्वितीय नीरु शर्मा ने सुनवाई पूरी होने पर अमरपाल उर्फ कालू, धर्मदत्त उर्फ शास्त्री, वीरसैन और मुशर्रफ पर दोषसिद्ध कर दिया। दोहरे हत्याकांड में सजा पर सुनवाई के लिए 30 जून नियत की गई हैं। इनमें अमरपाल उर्फ कालू के आपराधिक रिकार्ड को देखते हुए शासन ने प्रदेश स्तरीय माफियाओं की सूची में शामिल कर लिया था। गैंगस्टर के मुकदमे में उसकी संपत्ति भी कुर्क की जा चुकी है। यह उन्नाव की फतेहगढ़ जेल में बंद है, जहां से इसको पेशी पर लाया गया।

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