J&L – ‘आतंकवाद पीड़ितों को मिलेगी सरकारी नौकरी’ : LG मनोज सिन्हा

80 से ज्यादा आतंकवाद पीड़ित परिवारों से बातचीत

जम्मू : जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा ने पिछले तीन दशकों में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों के शिकार कश्मीरी नागरिकों के परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवारों के सदस्यों से कहा कि जो सरकारी नौकरी के हकदार हैं, वे अपने मामले संबंधित उपायुक्तों को प्रस्तुत करें। एलजी ने उन्हें एक महीने के अंदर नियुक्ति और वित्तीय सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को आतंकियों ने मारा, उनके परिवार वालों की तब के प्रशासन ने कोई मदद नहीं दी। लेकिन अब पीड़ित परिवारों को नौकरी भी मिलेगी और केस दर्ज नही हुआ तो केस भी दर्ज होगा।

80 से ज्यादा आतंक पीड़ित परिवारों से की बातचीत
उपराज्यपाल ने 80 से ज्यादा आतंकवाद पीड़ित परिवारों से बातचीत की। बता दें कि यह कश्मीर में हजारों निर्दोष नागरिकों को मान्यता देने और सम्मानित करने का एक ऐतिहासिक कदम है, जिन्हें पाकिस्तानी आतंकियों ने बेरहमी से मार दिया था। एलजी ने परिवार के सदस्यों को नमन किया और पाकिस्तानी आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हुए आम कश्मीरी नागरिकों को श्रद्धांजलि दी।

उपराज्यपाल ने कहा, आज पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा बेरहमी से मारे गए कश्मीरी नागरिकों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। दशकों तक, उन्हें हाशिए पर रखा गया और उनकी आवाज़ नहीं सुनी गई। न्याय से वंचित किया गया। उनके दर्द को नजरअंदाज किया गया, उनकी कहानियों को अनसुना किया गया और सच को जानबूझकर दबाया गया।

सैकड़ों परिवारों को यह कहने का साहस और समर्थन मिला है कि उनके प्रियजनों को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मार डाला। यह चौंकाने वाला है कि 2019 से पहले आतंकवादियों के अंतिम संस्कार की अनुमति दी गई थी, जबकि आतंकवादियों द्वारा मारे गए हजारों आम कश्मीरियों को भुला दिया गया और उन्हें स्वीकार नहीं किया गया।

भारत सरकार पीड़ितों की आवाज को सामने लाने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुझे पता है, सालों तक आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र के दबाव में सच्चाई को दबा दिया गया। अब, परिवार कश्मीर के अंदर पाकिस्तान और उनके समर्थकों को बेनकाब कर रहे हैं।

आतंकवाद पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से, जो सरकारी नौकरी के हकदार हैं, अपने मामले संबंधित डीसी को प्रस्तुत करने के लिए कहा। उन्हें एक महीने के भीतर नियुक्ति की त्वरित प्रक्रिया का आश्वासन दिया। उन परिवार के सदस्यों को वित्तीय सहायता और सहायता का आश्वासन दिया जो अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं।

जिन मामलों में FIR दर्ज नहीं हुई, उन मामलों में FIR दर्ज करने के निर्देश दिए जाएंगे। आतंकवाद से पीड़ित परिवारों की जमीन और संपत्ति को आतंकवादियों के समर्थकों या अलगाववादी तत्वों द्वारा अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए भी कार्रवाई की जाएगी। भारत सरकार ने आतंकवाद से पीड़ित परिवारों को अपना दर्द शेयर करने और आतंकी तंत्र की साजिशों को उजागर करने में सक्षम बनाने के लिए यह पहल शुरू की है।

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