हरिद्वार में 5 करोड़ कांवड़ियों के आने का अनुमान
सुरक्षा को 6000 कर्मी तैनात, 350 सीसीटीवी कैमरे और 11 ड्रोन की व्यवस्था

हरिद्वार : भगवान शिव के प्रिय श्रावण मास के साथ ही कांवड़ यात्रा शुरू हो गई है। उत्तर भारत की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा के लिए धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा तटों पर जल भरने के लिए शिवभक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। चहुंओर बम भोले और हर-हर महादेव का जयघोष हो रहा है।
कांवड़ और भक्ति गीतों पर थिरकते शिवभक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा है। प्रशासन का इस वर्ष करीब पांच करोड़ कांवड़ यात्रियों के आगमन का अनुमान है। सुगम और सुव्यवस्थित यात्रा के लिए पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने दिन-रात जुटकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया है।
जिलाधिकारी मूयर दीक्षित ने बताया कि इस बार गंगाजल भरने वाले कांवड़ यात्रियों की संख्या में रिकार्ड वृद्धि हो सकती है। ऐसे में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। कांवड़ यात्रा क्षेत्र को 16 सुपर जोन, 37 जोन और 134 सेक्टर में बांटते हुए प्रत्येक सेक्टर में मजिस्ट्रेट व पुलिस बल की तैनाती की गई है। हर प्रवेश मार्ग पर बैरिकेडिंग लगाई गई है।
निगरानी के लिए 350 सीसीटीवी कैमरे और 11 ड्रोन की व्यवस्था की गई है। बताया कि यात्रा के दौरान विभिन्न विभागों को आपसी समन्वय से स्वच्छता, चिकित्सा, यातायात, शांति, विद्युत, पेयजल, अग्निशमन, प्रकाश, ध्वनि यंत्र, साइन बोर्ड, पार्किंग, खाद्य आपूर्ति आदि व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।
महत्वपूर्ण तिथियां
कांवड़ मेले की अवधि- 11 जुलाई से 23 जुलाई तक
पंचक अवधि- 13 जुलाई से 17 जुलाई तक
डाक कांवड़- 20 जुलाई से 23 जुलाई तक
श्रावण शिवरात्रि- 23 जुलाई
नियंत्रण कक्ष सक्रिय
कांवड़ यात्रा की निगरानी के लिए नगर नियंत्रण कक्ष (सीसीआर) में कांवड़ कंट्रोल रूम बनाया गया है, जो गुरुवार से सक्रिय हो गया। यहां से सुरक्षा, सफाई, पेयजल, प्रकाश समेत अन्य नागरिक सेवाओं की 24 घंटे निगरानी की जाएगी। सुरक्षा के लिए हरिद्वार जनपद में करीब छह हजार सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है।
ट्रैफिक प्लान लागू
जिला प्रशासन ने कांवड़ यात्रा के लिए बनाए गए विशेष ट्रैफिक प्लान के तहत रात 12 बजे से हरिद्वार नगर क्षेत्र में यातायात को नियंत्रित कर दिया है। हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, छुटमलपुर, मंगलौर, देहरादून, ऋषिकेश, नैनीताल, नजीबाबाद आदि क्षेत्रों से आने वाले सभी हल्के व भारी वाहनों के लिए अलग-अलग रूट और पार्किंग स्थल निर्धारित किए गए हैं। मेला क्षेत्र में कुल 42,700 वाहनों के लिए पार्किंग तय कर दी गई है।