‘उदयपुर फाइल्स’- हम फिल्म की रिलीज नहीं रोक सकते………..

दिल्ली HC ने क्या कहा, 30 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि फिल्म तब तक प्रदर्शित नहीं हो सकती जब तक उसे केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा पुनः प्रमाणन नहीं दिया जाता।

मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि चूंकि फिल्म का प्रमाणन लंबित है, इसलिए इसकी रिलीज पर रोक लगाने की कोई तात्कालिक आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने कहा, “फिल्म केवल पुन: प्रमाणन के बाद ही प्रदर्शित हो सकती है, इसलिए इस स्तर पर कोई जल्दबाजी नहीं है।”

फिल्म पर पहले ही लगे हैं 55 कट्स, और 6 कट्स की शर्त
केंद्र सरकार ने 21 जुलाई को फिल्म की सशर्त मंजूरी दी थी, जिसमें पहले से प्रस्तावित 55 कट्स के साथ छह अतिरिक्त कट्स अनिवार्य किए गए थे। बावजूद इसके, फिल्म को दोबारा प्रमाणन नहीं दिया है।

जमीयत प्रमुख मदनी और आरोपी जावेद ने की याचिका दायर
फिल्म को मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी और कन्हैया लाल हत्याकांड में आरोपी मोहम्मद जावेद ने याचिका दायर की थी। जावेद का दावा है कि फिल्म की रिलीज से उसके निष्पक्ष ट्रायल पर असर पड़ेगा।

केंद्र पर लगाया समिति गठन में नियम विरुद्ध कार्रवाई का आरोप
याचिकाकर्ता के वकील सौम्या द्विवेदी ने दलील दी कि केंद्र ने बिना सोचे-समझे एक ऐसी समिति की सिफारिशें मान लीं, जो एक निरस्त कानून के तहत बनी थी। उन्होंने कहा कि सिनेमैटोग्राफ एक्ट, 1952 के तहत CBFC को अपने ही फैसले की समीक्षा करने का अधिकार नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट भेजा गया था मामला
सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म पर रोक लगाने से इनकार करते हुए निर्देश दिया था कि हाईकोर्ट 29 जुलाई तक मामले की सुनवाई करे। इससे पहले हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को फिल्म की रिलीज पर अस्थायी रोक लगाई थी।

बैकग्राउंड: कन्हैया लाल की नृशंस हत्या
फिल्म जून 2022 में उदयपुर में हुए दर्जी कन्हैया लाल की निर्मम हत्या पर आधारित है, जिसमें दो युवकों ने दिनदहाड़े गला रेतकर हत्या कर दी थी और हत्या का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया था। मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी कर रही है।

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