काबुल में तालिबान के विदेश मंत्री और भारतीय राजनयिक की बैठक

मुत्ताकी ने भारतीय निवेशकों को किया आमंत्रित

भारत से कूटनीतिक संबंध मजबूत करने की इच्छा, पाकिस्तान के लिए झटका
काबुल : अफगान मीडिया के अनुसार, भारतीय राजनयिक और विदेश मंत्री मुत्ताकी की मुलाकात काबुल में हुई बैठक के दौरान हुई। बैठक के दौरान मुत्ताकी ने भारत के साथ राजीनितक और आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने पर जोर दिया। इस दौरान मुत्ताकी ने भारतीय निवेशकों को अफगानिस्तान में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच हुई प्रकाश की यात्रा
विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान से जुड़े मामलों के संयुक्त सचिव आनंद प्रकाश की यह यात्रा ऐसे समय में हुई है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले को लेकर तनाव बढ़ा हुआ है। हालांकि, इस बारे में जानकारी नहीं मिली कि प्रकाश और मुत्ताकी के बीच हुई बातचीत में पहलगाम का मुद्दा उठा या नहीं।

भारत ने अफगान में तानिबान सरकार को नहीं दी मान्यता
भारत ने अभी तक अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी है। भारत का कहना है कि अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार बननी चाहिए। साथ ही भारत इस बात पर भी जोर दे रहा है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए। भारत अफगानिस्तान को मानवीय मदद पहुंचाने की भी वकालत कर रहा है, ताकि वहां के लोगों को राहत मिल सके।

2022 में भारत ने फिर से दर्ज कराई अपनी राजनयिक उपस्थिति
जून 2022 में भारत ने अफगान राजधानी काबुल में अपने दूतावास में एक ‘तकनीकी टीम’ तैनात कर फिर से अपनी राजनयिक उपस्थिति दर्ज कराई थी। इससे पहले, भारत ने अगस्त 2021 में सुरक्षा कारणों से अपने सभी अधिकारियों को काबुल से वापस बुला लिया था, क्योंकि तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था।

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