भारत का 26 राफेल समुद्री लड़ाकू विमानों के खरीदने का समझौता

भारत-फ्रांस की अब तक की सबसे बड़ी डिफेंस डील

नई दिल्ली : भारत-फ्रांस के बीच गेमचेंजर राफेल डील पर मुहर लग गई है। भारत ने 26 राफेल-एम लड़ाकू जेट खरीदने के लिए 63000 करोड़ रुपये का सौदा किया। लगातार अपनी क्षमता में इजाफा कर रही भारतीय नौसेना के लिए राफेल फाइटर जेट की खरीद निर्णायक मानी जा रही है। जिस तरह से पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश है, ऐसे में ये डील बेहद अहम है। ये समझौता ऐसे समय हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की बैठक चल रही थी।

64000 करोड़ रुपए का है यह रक्षा सौदा
भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच हुए अंतर-सरकारी समझौते के तहत 26 समुद्री राफेल जेट की खरीद पर करीब 64000 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसमें 22 राफेल जेट सिंगल सीटर और चार ट्विन-सीटर होंगे। भारत-फ्रांस के बीच हुए इस रक्षा खरीद समझौते की शर्तों के अनुसार भारतीय नौसेना को राफेल नौसैनिक लड़ाकू विमानों की आपूर्ति तीन साल बाद यानि वर्ष 2028 से शुरू होगी और अगले तीन सालों में सभी विमानों की आपूर्ति की जाएगी। इस हिसाब से फ्रांस वर्ष 2030 तक नौसेना को सभी 26 लड़ाकू राफेल जेट की आपूर्ति कर देगा।

कब तक आएंगे राफेल फाइटर जेट
राफेल की डील पर हस्ताक्षर के बाद भारतीय नौसेना को राफेल (एम) फाइटर जेट की डिलीवरी 2028-29 में शुरू होगी। साल 2031-32 तक नौसेना को सभी विमानों की आपूर्ति कर दी जाएगी। नौसेना को मिलने वाले ये फाइटर जेट भारतीय विमानवाहक पोतों, आईएनएस विक्रमादित्य और स्वदेशी आईएनएस विक्रांत से संचालित होंगे।

इस मौके पर रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और भारत में फ्रांस के राजदूत डा. थिएरी मथौ सहित अन्य अधिकारी भी शामिल हुए। समझौते के तहत विमान पैकेज आपूर्ति प्रोटोकॉल और हथियार पैकेज आपूर्ति प्रोटोकॉल की हस्ताक्षरित प्रतियों का आदान-प्रदान हुआ। इसमें भारतीय नौसेना के पायलटों का प्रशिक्षण, सिम्युलेटर, संबद्ध उपकरण, हथियार और प्रदर्शन-आधारित रसद शामिल हैं। इसमें भारतीय वायु सेना के मौजूदा राफेल बेड़े के लिए अतिरिक्त उपकरण भी शामिल हैं।

 

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