आतंकी हमले के बाद भारत के साथ खड़ा हुआ ईरान
ईरान के विदेश मंत्री भारत का दौरा करने आ रहे

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए अटैक की पूरी विश्व में निंदा की गई है. इसी बीच मुस्लिम देश ईरान भारत के साथ खड़ा हुआ है. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कराने के अपने इरादे सामने रखे थे. वहीं, अब जानकारी के मुताबिक, अगले हफ्ते ईरान के विदेश मंत्री भारत का दौरा करने वाले हैं.
सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्री अराघची 8 मई को भारत पहुंच सकते हैं. हालांकि, अभी तक उनके दौरे की आधिकारिक तारीख का ऐलान नहीं किया गया है. नई दिल्ली में ईरानी दूतावास के सूत्रों ने कहा कि अराघची के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के अन्य मुद्दों के अलावा पहलगाम हमले के सभी पहलुओं पर चर्चा करने की उम्मीद है.
राष्ट्रपति पेजेशकियान ने की हमले की निंदा
विदेश मंत्रालय के अनुसार, पहलगाम हमले के 4 दिन बाद, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की. विदेश मंत्रालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि आतंक के ऐसे कृत्यों का कोई जस्टिफिकेशन नहीं हो सकता है और मानवता में विश्वास करने वाले सभी लोगों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ खड़ा होना चाहिए.
ईरानी दूतावास के अनुसार, राष्ट्रपति पेजेशकियान ने पीएम मोदी के साथ अपनी बातचीत में आतंकवाद को खत्म करने के लिए क्षेत्रीय सहयोग के महत्व को भी रेखांकित किया और हमले को एक “अमानवीय कृत्य” कहा.
इसी के साथ राष्ट्रपति पेजेशकियान ने पीएम मोदी को तेहरान आने के लिए भी आमंत्रित किया. ईरानी दूतावास की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार, बातचीत के दौरान ईरानी राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू को शांति, दोस्ती का प्रतीक बताया.
पहलगाम हमले के बाद किया पोस्ट
पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ. इस हमले के तीन दिन बाद यानी 25 अप्रैल को, अराघची ने एक्स पर पोस्ट किया, भारत और पाकिस्तान ईरान के भाईचारे वाले पड़ोसी हैं. बाकी पड़ोसियों की तरह, हम उन्हें अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि तेहरान इस मुश्किल समय में बेहतर समझ बनाने के लिए इस्लामाबाद और नई दिल्ली में अपने कार्यालयों का इस्तेमाल करने के लिए तैयार है. ईरानी मंत्री ने पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार को भी फोन किया और हालात पर चर्चा की