नेचुरोपैथी की मदद से बढ़ा सकते है अपने घुटनों की ग्रीस

घुटने जवाब देने लगे तो जरूर कर लें ये काम, बुढ़ापे तक नहीं पड़ेगी दवा की जरूरत

स्वास्थ्य जानकारी : बढ़ती उम्र के साथ घुटनों का दर्द, अकड़न या चलते-फिरते समय घुटनों से खट-खट की आवाजे आना आम समस्या बन जाती हैं. हालांकि, आज के समय में बुजुर्गों से अलग कम उम्र के लोग भी इस तरह घुटनों में जकड़न या दर्द जैसी परेशानियों से जूझ रहे हैं. इसका मुख्य कारण घुटनों की ‘ग्रीस’ यानी लुब्रिकेशन का कम हो जाना है. जब जोड़ों के बीच की ग्रीस खत्म होने लगती है, तो घर्षण बढ़ता है, जिससे असहनीय दर्द और ऐंठन की परेशानी भी बढ़ जाती है. अब, अगर आप भी इस तरह की समस्याओं से परेशान रहते हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार हो सकता है. यहां हम आपको घुटनों की ‘ग्रीस’ बढ़ाने का नेचुरल तरीका बता रहे हैं.

घुटने की परेशानी दो मुख्य कारणों से हो सकती है, एक है कैल्सिफिक ओस्टियो फैट का जमा होना, जिससे ब्लड सप्लाई कमजोर हो जाती है और दूसरा है कार्टिलेज का घिसना, जिससे साइनोवियल फ्लूइड कम होने लगता है. साइनोवियल फ्लूइड जोड़ों को चिकनाई देता है और घिसाव को कम करता है. जब यह कम हो जाता है, तो घुटने में दर्द, सूजन और अकड़न हो सकती है.

कैसे दूर करें घुटनों की परेशानी?
कम उम्र में इस तरह की परेशानी का मुख्य कारण फिजिकल एक्टिविटी में कमी और गलत खानपान होता है. आज के समय में लोग जरूरत से ज्यादा स्टार्च, प्रोटीन या प्रोसेस्ड फूड खाने लगे हैं. ये शरीर में एसिड बनाने का काम करते हैं. ये एसिड खून को गाढ़ा कर देता है. गाढ़ा खून शरीर की महीन नसों (कैपिलरीज) तक नहीं पहुंच पाता, जिससे घुटनों में खून की सप्लाई कम हो जाती है. इससे धीरे-धीरे वहां पोषण की कमी हो जाती है और घुटने जवाब देने लगते हैं.

क्या है इलाज?
डाइट में ठोस खाना जैसे अन्न, दाल, नॉनवेज का सेवन कम कर फलों, सलाद, अंकुरित दालों और मेवों का सेवन बढ़ाने की सलाह देते हैं. इससे अलग रोजाना हल्की वॉक करने और शरीर को किसी भी रूप में 30 मिनट मूवमेंट देने की सलाह देते हैं. इसके लिए आप रोज थोड़ी देर डांस कर सकते हैं, योग कर सकते हैं या सीढ़ियां भी चढ़ सकते हैं. सही डाइट लेने से खून गाढ़ा नहीं होता है, वहीं रोज हल्की मूवमेंट से ब्लड सप्लाई ठीक तरह होती है.

नेचुरोपैथी में जिस तरह खराब आदतें घुटने से जुड़ी परेशानी को बढ़ा देती हैं, वैसे ही अच्छी आदतों को अपनाने से शरीर खुद उन्हें ठीक कर सकता है. शरीर में खुद को हील करने की शक्ति होती है. आपको बस सही वातावरण देना है. इसके लिए हेल्दी डाइट लें और फिजिकल एक्टिविटी को भी बढ़ाएं.

(सलाह : यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. अधिक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ  से परामर्श करें)

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