विश्व अस्थमा दिवस पर KGMU विशेषज्ञ का चौंकाने वाला खुलासा
उत्तर प्रदेश में हर साल 40,000 लोग अस्थमा के शिकार

लखनऊ: विश्व अस्थमा दिवस पर KGMU के एक विशेषज्ञ ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में हर साल 40,000 लोग अस्थमा से अपनी जान गंवा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अस्थमा के चलते मरीजों के जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ रहा है और उनके रोजमर्रा के काम भी प्रभावित हो रहे हैं।
अस्थमा के रोगियों को तथा धूम्रपान,प्रदूषण व फास्ट फूड के बढ़ते प्रचलन के कारण प्रदेश व देश में अस्थमा की रोगियों की संख्या बढ़ रही है। अस्थमा के प्रमुख लक्षण है-सांस फूलना,पसली चलना, सीने में भारीपन तथा बार-बार सर्दी जुकाम व खांसी है। ये बातें प्रो राजीव गर्ग प्रोफेसर पल्मोनरी मेडिसिन केजीएमयू ने कही।
मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस के उपलक्ष्य में इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन लखनऊ शाखा और कैन किड सोसइटी के तत्वाधान में अस्थमा दिवस के अवसर पर जागरूकता एवं संगोष्ठी का आयोजन आईएमए भवन में किया गया।
इस दौरान आईएमए अध्यक्ष डा सरिता सिंह ने आये हुये अतिथियो का स्वागत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो राजेन्द्र प्रसाद निदेशक चिकित्सा शि्क्षा एवं प्रोफेसर रेस्पिरेटरी मेडिसिन एरा लखनऊ मेडिकल काॅलेज विषिष्ट अतिथि प्रो राजीव गर्ग प्रो पल्मोनरी मेडिसिन केजीएमयू लखनऊ मौजूद रहे।
प्रो राजेन्द्र प्रसाद ने कहा इन रोगियों की पीएफटी (पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट) कि जांच तथा इन्हेलर थेरेपी के बारे में मरीजों को जानकारी दी आईएमए लखनऊ के सचिव डा0 संजय सक्सेना ने बताया कि उप्र में लगभग 60 लाख अस्थमा के निदान हेतु पीएफटी जांच की जाती है। अस्थमा का सही उपचार इन्हेलर चिकित्सा है जोकि चिकित्सक की सलाह से नियमित रूप से लेना चाहिए।
जागरूकता एवं संगोष्ठी में मौजूद डा0. विनीता मित्तन पूर्व अध्यक्ष आईएमए,डा0 मनोज कुमार अस्थाना निर्वाचित अध्यक्ष आईएमए,लखनऊ आईएमए एवं कैन किड सोसइटी लखनऊ काफी लोग उपस्थित थें ।