ट्रंप ने किया इजरायल-ईरान में सीजफायर का ऐलान

कतर ने ट्रंप के अनुरोध पर ईरान को मनाया, क्षेत्र में तनाव बरकरार

वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष विराम हो गया है। इससे दोनों देशों के बीच 12 दिन से चल रही लड़ाई रुक गई है। राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को अपने ट्रुथ सोशल पर किए गए पोस्ट में कहा कि इजरायल और ईरान में इस बात पर पूरी तरह से सहमति बन गई है कि पूर्ण और संपूर्ण युद्ध विराम होगा। ट्रंप की घोषणा या इसके समय को लेकर इजरायल और ईरान की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

ट्रंप के सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि 24 घंटे का चरणबद्ध युद्धविराम मंगलवार आधी रात से शुरू हो रहा है। इससे दोनों देशों को अपने अंतिम मिशनों को समाप्त और पूरा करने के लिए छह घंटे का समय मिलेगा। उन्होंने कहा कि उस समय ईरान हमले बंद कर देगा और 12 घंटे बाद इजरायल भी हमले बंद कर देगा। इसके 12 घंटे बाद युद्ध को पूरी तरह समाप्त माना जाएगा।

इजरायल और ईरान के बीच जंग अपने चरम पर चल रही थी. अमेरिका ने जब ईरान के परमाणु ठिकानों को बंकर बस्टर बम से तबाह किया और फिर सोमवार देर रात जब तेहरान से कतर और इराक में स्थित अमेरिकी बेस पर मिसाइलें दागी गईं तो इस युद्ध के और भीषम होने की आशंका थी. वजह साफ थी कि ईरान-इजरायल के बीच इस जंग में अब अमेरिका भी पूरी तरह से कूद जाएगा. उधर कतर ने भी अपनी सरजमीं पर ईरानी मिसाइल अटैक का जवाब देने की बात कह दी.

हालांकि इस हमले में कुछ ही घंटे में पूरा नजारा ही बदल गया. एक और जहां सबको लग रहा था कि यह युद्ध पूरे मिडिल ईस्ट को लील लेगा. कई लोग तो इसमें रूस और चीन के शामिल होने के साथ तीसरा विश्व युद्ध छिड़ने तक का डर जता रहे थे. वह जंग अचानक से रुकने का ऐलान हो गया. डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर पर बनी सहमति की घोषणा कर दी. ऐसे में सवाल उठता है जब ईरान और इजरायल के बीच जंग चरम पर थी और दोनों देशों एक दूसरे पर ताबड़तोड़ मिसाइल हमले कर रहे थे, तब युद्ध अचानक से कैसे थम गया? दोनों देश सीजफायर पर आखिर सहमत कैसे हो गए?

ईरान ने दागीं मिसाइलें, फिर कैसे मान गया अमेरिका
ईरान ने सोमवार देर रात बड़ा कदम उठाते हुए कतर में अमेरिकी ठिकाने अल-उदेद पर छह मिसाइलें दाग दी. हालांकि कतर ने दावा किया कि सभी मिसाइलें इंटरसेप्ट कर ली गईं और कोई हताहत नहीं हुआ. उधर ईरान की मेहर न्यूज एजेंसी ने उलट दावा किया कि कम से कम तीन मिसाइलें लक्ष्य तक पहुंचीं.

इसके कुछ ही घंटों बाद, कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने तेहरान को फोन घुमाया. उन्होंने अमेरिका के युद्धविराम प्रस्ताव पर ईरान की सहमति हासिल कर ली. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह फोन कॉल अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के अनुरोध पर हुआ था, जिन्होंने कतर के अमीर को खुद फोन कर कहा कि इजरायल समझौते को तैयार है, बस ईरान को मनाना है.

ट्रंप की सीधी बात, नेतन्याहू की चुप्पी
व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रंप ने खुद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात कर युद्धविराम तय कराया, शर्त यह रही कि अगर ईरान फिर से हमला नहीं करता, तो इजरायल भी हमले नहीं करेगा. इसी बीच ट्रंप की टीम ईरानी अधिकारियों से संपर्क में थी. इसमें अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ शामिल थे.

मिशन कंप्लीट… फिर शांति?
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, ‘अब जब सभी पक्ष अपने अभियान पूरे कर लेंगे, तब युद्धविराम शुरू होगा और 12 घंटे बाद दोनों शांत रहेंगे, 24 घंटे बाद यह युद्ध समाप्त माना जाएगा.’

अभी भी क्षेत्र में तनाव बरकरार
डोनाल्ड ट्रंप ने भले ही ईरान-इजरायल के बीच समझौते की घोषणा कर दी है, लेकिन जमीन पर हालात अब भी तनावपूर्ण हैं. इजरायली सेना ने तेहरान के कुछ इलाकों में दो बार नागरिकों को हटने की चेतावनी दी है. वहीं दक्षिणी गोलान हाइट्स में ड्रोन या विमान के खतरे को लेकर अलार्म बजाया गया. उधर इजरायल भी तेहरान की एविन जेल और अन्य सरकारी ठिकानों को निशाना बना चुका है, जिससे उसकी मंशा ईरानी सत्ता की जड़ें हिलाने की दिखी. ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि क्या यह शांति स्थायी रहेगी, या यह केवल “12 डे वॉर” के लिए एक विराम है.

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